भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश सरकार (MP Government) एक बार फिर बड़ी तैयारी में है। शिवराज सरकार (Shivraj government) उत्तर प्रदेश के झांसी में लोक निर्माण विभाग (Public Works Department) के विश्राम गृह सहित अन्य अनुपयोगी परिसंपत्तियों के प्रबंधन के लिए कंपनी का निर्माण करेगी। इसके लिए फिलहाल मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम के माध्यम से लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग द्वारा यह काम पूरा करवा रहा है। लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग द्वारा अधिकारियों को जल्द से जल्द कंपनी बनाने प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं प्रस्ताव को तैयार कर इसे अंतिम निर्णय के लिए कैबिनेट के सामने प्रस्तुत किया जाएगा।
ज्ञात हो कि मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार ने विभिन्न विभागों की परिसंपत्ति के प्रबंधन के लिए लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग गठित की। परिसंपत्तियों को नीलाम करने की योजना भी तैयार की गई है। कंपनी के माध्यम से ऐसी संपत्ति जो अनुपयोगी है उसे नीलाम किया जाएगा। विभाग द्वारा ऐसे संपत्ति की जानकारी जुटाई जा रही है वहीं अब तक 377 परिसंपत्तियों की जानकारी पोर्टल पर सामने आई है।
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लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग ई-टेंडर के माध्यम से प्रदेश के लगभग 30 परिसंपत्तियों को नीलाम किया जा चुका है। वहीं सरकार को इससे 150 करोड़ से अधिक की राशि प्राप्त हुई है। लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग द्वारा काम सड़क विकास निगम द्वारा करवाया जा रहा है। वहीं सड़क निगम के पास सड़क योजनाओं सहित भवन निर्माण के कार्य की पूरी लिस्ट तैयार हो गई है। जिसके बाद सड़क विभाग निगम का कार्य प्रभावित हो रहा है।
जिसको देखते हुए अब यह निर्णय लिया गया कि मध्य प्रदेश राज्य सरकार लोक परिसंपत्तियों के प्रबंधन के लिए कंपनी का निर्माण करेगी। कंपनी परिसंपत्तियों का प्रबंधन करेंगी, उनके आखिरी उठाएगी।साथ ही अपनी संपत्ति से जुड़े विवादों का भी निर्णय करेगी। जिसके बाद संपत्तियों को नीलाम करने की प्रक्रिया में शामिल होते हुए कंपनी ई टेंडर के माध्यम से नीलामी की प्रक्रिया को पूरा करेगी।
लोक परिसंपत्तियों में लोक निर्माण विभाग का झांसी में विश्राम गृह है। 15 एकड़ भूमि में फैली विश्राम लेखा समिति उत्तर प्रदेश शासन के पास है। इसके लिए लोक निर्माण विभाग द्वारा कई पत्र भी लिखे जा चुके हैं लेकिन अब तक इस मामले में कोई निष्कर्ष नहीं निकला है। वहीं केरल सरकार के नाम पर एक फॉर्म है। इस भूमि की भी नीलामी पर विचार विमर्श किया जा रहा है। साथ ही परिवहन निगम इंदौर, दमोह, सीधी सहित अन्य जगहों पर कई परिसंपत्ति को शामिल किया गया है।