MP के किसानों को बड़ी राहत, फसल बीमा की प्रक्रिया में बदलाव! अब ऐसे मिलेगा राशि का लाभ

Pooja Khodani
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के किसानों (Farmers) के लिए राहत भरी खबर है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PM Crop Insurance Scheme)  के तहत अब मध्य प्रदेश के किसानों का खसरों से पंजीयन का मिलान किया जाएगा, ताकी कोई गड़बड़ी या परेशानी ना हो और किसानों को प्राकृतिक आपदा से प्रभावित फसलों की बीमा राशि समय पर मिल सके।

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दरअसल,प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में वर्ष 2022-23 में खरीफ और रबी के लिये किसानों की अधिसूचित फसलों का बीमा कराने क्लस्टरवार निर्धारित बीमा कम्पनियों को कार्यादेश जारी कर दिये गये हैं। किसानों द्वारा बोई गई फसल में परिवर्तन पर संबंधित बैंकों को 29 जुलाई तक अवगत कराना जरूरी है। किसानों की अधिसूचित फसलों का बीमा करने के लिये बैंकों द्वारा प्रीमियम नामे किये जाने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है।

इसके लिए राजस्व विभाग के पास उपलब्ध डेटा का उपयोग कृषि और सहकारिता विभाग द्वारा किया जाएगा। इसके माध्यम से यह पता लगाया जाएगा कि किसी किसान ने एक खसरे पर दो बैंकों से बीमा तो नहीं कराया है।यह प्रक्रिया इसलिए अपनाई जा रही है ताकी किसानों को बीमा राशि मिलने और एक खसरे पर दो बैंकों से बीमा करने की समस्या ना हो।चुंकी नियम के मुताबित, एक भूमि पर एक ही बैंक से बीमा कराया जा सकता है।

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किसानों को बीमा होने की सूचना एसएमएस के माध्यम से पंजीयन की अंतिम तिथि के 15 दिन के अंदर दी जाएगी और प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति और जिला सहकारी बैंकों के माध्यम से भी किसानों को सूचित किया जा रहा है।बता दे कि इस साल एमपी सरकार ने 49 लाख किसानों को इसमें खरीफ-2020 और रबी-2021 के लिए 2 साल का फसल बीमा 7165 करोड़ रुपये उपलब्ध कराया था।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना खरीफ-2022 के लिये प्रदेश में नेशनल क्रॉप इंश्योरेंस पोर्टल (NCIP) पर भू-अभिलेख के एकीकरण का कार्य किया जा रहा है। पंजीयन के समय कृषक की भूमिधारिता संबंधी जानकारी भू-अभिलेख के आधार पर पोर्टल में ड्रॉप-डाउन पर उपलब्ध हो सकेगी। बीमाकर्ता (बैंकर्स, कॉमन सर्विस सेंटर और स्वयं कृषक) संगत खसरा नम्बर का चयन कर धारित भूमि का बीमा कर सकेगा। किसानों को समय पर सही पॉलिसी जारी करने के लिये नेशनल क्रॉप इंश्योरेस पोर्टल (NCI) पर जानकारी दर्ज होना जरूरी है। बैंकों को निर्देश दिये गये हैं कि किसानों के बीमा पंजीयन के दौरान खसरा नम्बर तथा बीमित भूमि के क्षेत्रफल की सही-सही जानकारी पोर्टल पर दर्ज करें।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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