भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव (MP Panchayat Election) को लेकर बड़ी अपडेट सामने आई है। जिला पंचायत अध्यक्ष पद के आरक्षण (Reservation for post of District Panchayat President) के संबंध में पंचायत राज निदेशालय ने कलेक्टरों (collectors) को निर्देश जारी किया था। जिसमें कहा गया कि 18 दिसंबर को जिला पंचायत अध्यक्ष पद के आरक्षण की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। हालांकि अब एक बार फिर से तारीख में बदलाव किया गया है, पंचायत राज निदेशालय ने अपने पूर्व के आदेश को स्थगित कर दिया है, जिसके बाद अब आरक्षण की प्रक्रिया 18 दिसंबर को पूरी नहीं की जाएगी।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को राज्य में ग्राम पंचायत चुनाव कराने के लिए निर्णय लेने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि चुनाव संविधान के अनुसार ही होने चाहिए। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पंचायत चुनाव आरक्षण और परिसीमन मुद्दे पर रिट याचिका मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय को वापस भेज दी। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता वरुण ठाकुर के अनुसार, शीर्ष अदालत ने स्वीकार किया है कि राज्य सरकार ने एक अध्यादेश के माध्यम से आगामी पंचायत चुनावों के लिए आरक्षण और परिसीमन को 2014 की स्थिति में वापस लाकर एक असंवैधानिक कदम उठाया है।
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कोर्ट पहुंचा मामला
पंचायत चुनाव का मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। याचिका पर सुनवाई की गई। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने मामला हाई कोर्ट में सुनवाई के आदेश दिए हैं। यह याचिका कांग्रेस नेता सैयद जाफर और जया ठाकुर ने दायर की है।
बता दें कि इससे पहले पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता राजीव शर्मा ने हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में याचिका दायर की थी। जिस पर कोर्ट ने सरकार और राज्य चुनाव आयोग से 4 हफ्ते में सरकार को जवाब देने को कहा था। इसके बाद जबलपुर हाईकोर्ट ने इस मामले में पंचायत चुनाव से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।