भोपाल।
लंबे मंथन के बाद बीजेपी ने बची हुई सीटों पर नाम फायनल हो गए है। मंगलवार को हुई बैठक में बाकी बची सीटों पर मंथन किया गया, जिसमें गुना, सागर, विदिशा, इंदौर और भोपाल के उम्मीदवारों के नाम फायनल कर लिए गए है। भोपाल से जहां साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का नाम फायनल माना जा रहा है।वही गुना से केपी यादव का नाम तय किया गया है। इंदौर से जहां ताई के सुझाव नामों पर विचार किया गया है।वही विदिशा में शिवराज के करीबी का नाम आगे बढ़ाया गया है और सागर में भी नाम तय हो गया है। हालांकि अभी केन्द्रीय चुनाव समिति की अंतिम मुहर लगना बाकी है। उम्मीद की जा रही है कि आज कल में सूची जारी की जा रही है।
दरअसल, केन्द्रीय मंत्री उमा भारती के इंकार के बाद हिन्दु कट्टर चेहरा होने के नाते साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को भोपाल से उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चाएं जोरों पर है।मंगलवार को भी राजनैतिक गलियाओं में इसकी चर्चा रही वही समर्थकों का भी साध्वी के घर बधाईयों का तांता लगा रहा। बताया जा रहा है कि प्रज्ञा के नाम पर सहमति बनाने में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अहम भूमिका निभाई। संभावना जताई जा रही है कि बीजेपी दिग्विजय के खिलाफ प्रज्ञा को मैदान में उतार सकती है। हाईकमान से लेकर प्रदेश स्तर तक इस पर सहमति बन गई। भोपाल के स्थानीय नेताओं को भी सूचना दे दी गई है। प्रज्ञा ठाकुर के नाम की घोषणा आज हो सकती है। इस फैसले से साफ है कि मप्र की हाॅट सीट बन चुकी भोपाल में कांग्रेस उम्मीदवार व पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के सामने पहली बार साध्वी चुनाव मैदान में होंगी।
वही बाकी सीटों पर भी बीजेपी ने नाम तय कर लिए है।खबर है कि गुना से केपी यादव का नाम फायनल हुआ है।। वही इंदौर के मामले में ताई द्वारा सुझाए गए नामों पर विचार किया जा रहा है। यहां शंकर ललवानी, भंवर सिंह शेखावत और गोपीकृष्ण नेमा से एक तय होना है।लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि नाराज ताई को मनाने पार्टी शंकर ललवानी को यहां से टिकट दे सकती है। चुंकी 75 साल से ज्यादा उम्र होने के कारण सुमित्रा महाजन को पार्टी ने टिकट नहीं दिया है।जिसके बाद से ही वे नाराज चल रही है, कयास लगाए जा रहे हैं उनके ही किसी समर्थक को पार्टी मैदान में उतार सकती है।सुत्रों की माने तो बीते कई दिनों से कैलाश विजयवर्गीय और महापौर मालिनी गौड़ का नाम भी चर्चा में बना हुआ था।लेकिन कैलाश के बंगाल में व्यवस्तता और परिवारवाद के आरोप से बचने के चलते उनका नाम पीछे हो गया है। वही गौड के विधायक होने के नाते बीजेपी ने कदम पीछे खींच लिए है। चुंकी बीजेपी पहले ही रतलाम से एक विधायक पर दांव लगा चुकी है और दूसरे पर दांव लगा कोई रिस्क नही लेना चाहती है।
इसके अलावा सागर संसदीय सीट से पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह के करीबी पूर्व मंडी अध्यक्ष व कांग्रेस से 2008 में भाजपा में शामिल हुए राजेंद्र सिंह मोकलपुर को उम्मीदवार बनाया जाना तय हुआ है। यहां राजेंद्र सिंह के साथ राज बहादुर सिंह और पूर्व मंत्री जयंत मलैया का नाम चर्चा में था। इसके अलावा सुषमा स्वराज के पीछे हटने के बाद विदिशा संसदीय सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना ने अपना दावा पेश किया था। उनके नाम पर सहमति नहीं बनी तो पूर्व मंत्री रामपाल सिंह समेत तोरण सिंह दांगी और रमाकांत भार्गव का नाम सामने आया। इन सभी को शिवराज सिंह का करीबी माना जाता है। बताया जा रहा है कि पार्टी रमाकांत के नाम पर सहमत हो गई है। हालांकि अंतिम निर्णय हाईकमान को ही लेना है। उम्मीद की जा रही है कि आज कल में बीजेपी अपने बचे हुए उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर सकती है।