एक नवंबर को करवा चौथ है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु की कामना के साथ व्रत रखती हैं और रात में चांद देखकर उसे खोलती है। देशभर के कई हिस्सों में ये पर्व श्रद्धा और धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन मध्य प्रदेश में आगामी चुनावों का असर इस व्रत पर भी पड़ता दिखाई दे रहा है। कुछ लोग तो इसे लेकर जान का खतरा तक बता रहे हैं।
मीटिंग के कारण जीवन को खतरा!
दरअसल चुनाव कार्य के लिए बसों की व्यवस्था करने के लिए आरटीओ ने एक नवंबर को बस मालिकों की एक बैठक बुलाई है। लेकिन उसी दिन करवा चौथ का व्रत है और कई लोग ये दिन अपने घर पर पत्नी के साथ रहना चाहते हैं। लेकिन मीटिंग के कारण ऐसा हो पाना संभव नहीं है इसलिए अब बस मालिकों ने मिलकर आरटीओ को एक पत्र लिखा है। ये अपने आप में अनूठा पत्र है जिसमें इन्होने कहा है कि व्रत वाले दिन सबकी पत्नी चाहती हैं कि पति उनके साथ रहे। साथ ही ये आशंका भी जाहिर की है कि उनकी अनुपस्थिति में अगर कहीं गलती से पत्नी ने कुछ खा लिया तो उनका जीवन खतरे में पड़ सकता है। इसीलिए उन्होने ये मीटिंग किसी और दिन रखने की मांग की है। पत्र में भवदीय के नीचे ‘निरीह बस मालिकगण’ लिखा गया है, जो इस अनूठी अर्जी की एक और रोचक बात है।
चिट्ठी का मजमून
इस पत्र में बस मालिकों ने लिखा है कि ‘इसमें उन्होने कहा है कि ‘दिनांक 1.11.2023 को आपके द्वारा चुनाव व्यवस्था हेतु बसों के अधिग्रहण बाबत चर्चा करने के लिए बैठक आहूत की गई है। इस बाबत निवेदन है कि दिनांक 1.11.2023 को करवा चौथ व्रत का त्योहार है, सभी की पत्नियाँ अपने अपने पति को बाहर नहीं जाने देती, कृपया यह बैठक किसी और दिन रख ले वर्ना घरवाली व्रत तोड़ देंगी, इस बात की पूर्ण संभावना है। सारा दिन पत्नियाँ बिना खाए पिए व्रत करती हैं, इस व्रत की घड़ी में समस्त पुरुषों को अपनी पत्नियों को मदद करने के लिए उनके साथ रहना अति आवश्यक रहता है। और ऐसे में पतियों का घर से बाहर निकलना संभव नहीं होता, वह शाम तक इस बात की चौकीदारी भी करते हैं कि पत्नी गलती से कुछ खा ना ले, अन्यथा पति का जीवन खतरे में पड़ सकता है। और यह बड़ी चिंता का विषय है घरवालियां अगर व्रत तोड़ देगी तो बस मालिकों की जीवन की रेखा कहां समाप्त हो जाए कोई भरोसा नहीं रहेगा। अतः निवेदन है कि इस बैठक को किसी और दिन नियत किया जाए तो बड़ी मेहरबानी होगी।’ अब देखना होगा कि इस अनूठे पत्र को लेकर आरटीओ का क्या जवाब आता है।