भोपाल। लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद अब प्रदेश कांग्रेस का ढर्रा बदलेगा। दिल्ली में हार की समीक्षा के बाद कई प्रदेशों में संगठन में बड़े स्तर पर बदलाव होगा। जिसमें प्रदेश कांग्रेस कमेटी भी शामिल है। यदि पीसीसी सूत्रों पर भरोसा करें तो विधानसभा के मानसून सत्र के बाद कमलनाथ अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे सकते हैं। उनकी जगह पीसीसी की कमान किसे सौंपी जाएगी, फिलहाल यह तय नहीं हो सका है। हालांकि कमलनाथ के मीडिया समन्वय नरेन्द्र सलूजा ने इस्तीफे की पेशकश की खबर को अफवाह बताया है।
प्रदेश कांग्रेस में चर्चा है कि नए अध्यक्ष के लिए करीब आधा दर्जन नेताओं के नामों की चर्चा है| नए पीसीसी चीफ के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया से लेकर अजय सिंह, रामनिवास रावत, बिसाहूलाल सिंह, मंत्री डॉ. गोविंद सिंह व जीतू पटवारी के नाम की चर्चा है। एजेंसी पर कांग्रेस महासचिव और प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया के हवाले से खबर है कि कमलनाथ ने पार्टी हाईकमान के सामने इस्तीफे की पेशकश की है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस के लिए लोकसभा चुनाव के नतीजे अप्रत्याशित रहे। इसे लेकर कांग्रेस नेता अचंभित हैं। नतीजों के बाद देशभर में कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्षों के इस्तीफों की पेशकश के बीच मप्र में भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के स्थान पर नए नेता की नियुक्ति की अटकलें शुरू हो गईं। हालांकि कहा जा रहा है कि कमलनाथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और मुख्यमंत्री की दोहरी भूमिका में से प्रदेश में पार्टी अध्यक्ष पद पर अपने विश्वस्त नेता को बैठाकर सत्ता व संगठन दोनों का नियंत्रण अपने पास रखेंगे।
कई चेहरे बदलेंगे
संभवत: अगले कुछ महीनों में पीसीसी में बड़े स्तर पर बदलाव होगा। जिसमें ऐसे चेहरे बाहर को जाएंगे, जो लंबे समय से पद लेकर घर बैठते रहे हैं। अब नियुक्ति में नेताओं की सिफारिश को ज्यादा तवज्जो नहीं मिलेगी। पीसीसी अध्यक्ष के बदलने के साथ ही प्रदेश कार्यकारिणी का नए सिरे से गठन होगा। जिसमें ज्यादातर युवा चेहरों को मौका मिल सकता है। उम्रदराज नेता बाहर होंगे। सालभर पहले कमलनाथ ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली थी। नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव के बाद जब कांग्रेस की सरकार बनी तब से ही पीसीसी अध्यक्ष की जिम्मेदारी दूसरे किसी नेता को सौपने की अटकलें चल रही हैं।