भोपाल| देश भर में आज नया साल का स्वागत हो रहा है, लोग अलग अलग अंदाज में नए साल के पहले दिन को यादगार बनाने में जुटे हुए हैं| वहीं आज के ही दिन मध्य प्रदेश के कद्दावर नेता और कांग्रेस के महासचिव व पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का जन्मदिन है| उनके समर्थक, साथी नेता, कार्यकर्ता उन्हें सोशल मीडिया पर जन्मदिन की बधाई दे रहे हैं| मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी सिंधिया को ट्वीट कर बर्थडे विश किया है|
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को उनके जन्मदिन पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी। कमलनाथ ने अपने ट्वीट के जरिए सिंधिया को उनके जन्मदिन की शुभकामनाएं दी। उन्होंने उनके उज्जवल भविष्य, उत्तम स्वास्थ्य एवं दीर्घायु होने की ईश्वर से कामना की। उन्होंने लिखा “पूर्व सांसद,मेरे परिवार के सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया को जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ। आपके उज्जवल भविष्य,उत्तम स्वास्थ्य,दीर्घायु होने की ईश्वर से कामना करता हूँ”। इसके जवाब सिंधिया ने लिखा -जन्मदिन की शुभकामनाओं के लिए आपका हृदय से धन्यवाद।
बता दें कि सिंधिया ने खुद अपना जन्मदिन नहीं मनाने का एलान किया है| कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व विधायक बनवारी लाल के निधन पर शोक जताते हुए उन्होंने जन्मदिन नहीं मानने की बात कही थी| हालाँकि उनके समर्थक सिंधिया का जन्मदिन मना रहे हैं| दो दिन पहले ही स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने इंदौर में एक अस्पताल में केक काटकर सिंधिया का जन्मदिन मनाया था|
लोकप्रियता ऐसी..लोग आज भी मानते हैं महाराज
प्रदेश की राजनीति में ग्वालियर राज घराने की हमेशा से महत्वपूर्ण भूमिका रही है| ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर राज घराने के महाराज हैं| ग्वालियर चम्बल क्षेत्र में सिंधिया काफी लोकप्रिय हैं और लोग आज भी उन्हें अपने महाराजा और उनकी पत्नी को अपनी महारानी मानते हैं। यहां तक कि उनके समर्थक महाराज कहकर ही सम्बोधित करते हैं| ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया के बेटे हैं। इनकी मां का नाम माधवी राजे सिंधिया है। 12 दिसंबर, 1994 को ज्योतिरादित्य की शादी राजकुमारी प्रियदर्शनी राजे से हुई। ज्योतिरादित्य की पत्नी प्रियदर्शनी का जन्म गुजरात के बड़ौदा, गायकवाड़ राजघराने में हुआ था। ज्योतिरादित्य और प्रियदर्शनी के दो बच्चे महाआर्यमन सिंधिया और अनन्या राजे सिंधिया हैं।
पिता के निधन के बाद राजनीति में आये
ज्योतिरादित्य सिंधिया की राजनीति में अचानक एंट्री हुई| जब विमान हादसे में ज्योतिरादित्य के पिता माधवराव सिंधिया की मौत हो गई। 2002 लोकसभा चुनाव में सिंधिया पहली बार जीते और सांसद बने| इसके बाद 2004 में 14वीं लोकसभा में उन्हें दोबारा चुना गया। सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को 6 अप्रैल, 2008 को पहली बार मनमोहन सरकार में सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री बनाया गया। जब मनमोहन सिंह दूसरी बार प्रधानमंत्री बने तो सिंधिया को राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया। सिंधिया की सीट पर सेंध लगाना नामुमकिन ही माना जाता था| लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में सिंधिया को हार का सामना करना पड़ा|