भोपाल| लोकसभा चुनाव निपटते ही मध्य प्रदेश में सियासी घमासान शुरू हो गया है| नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव द्वारा विधानसभा सत्र बुलाये जाने की मांग के बाद अब सरकार और विपक्ष के बीच पत्र वार शुरू हो गया है| भार्गव के पत्र के जवाब में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जवाब दिया और बताया कि 73 दिन में 85 वचन पूरे किए| इसके बाद भार्गव ने भी पत्र का जवाब पत्र से देते हुए कहा राज्यपाल को लिखे पत्र को राजनीतिक नजरिए से न देखकर जन समस्याओं को उठाने एवं हल कराने के सार्थक दृष्टिकोण से देखें| अब सीएम कमलनाथ ने पूर्व सीएम शिवराज सिंह को पत्र लिखकर कहा है कि हमने 21 लाख किसानो की क़र्ज़ माफ़ी की, अब क़र्ज़ माफ़ी की सच्चाई को स्वीकार करें|
दरअसल, लोकसभा चुनाव में पूर्व सीएम शिवराज ने लगातार अपने भाषणों में कर्जमाफी को लेकर सरकार को घेरा, पिछले दिनों कर्जमाफी के प्रमाणों को लेकर भी जमकर घमासान देखने को मिला| अब चुनाव ख़त्म होने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पत्र लिखकर शिवराज से कहा है कि चुनावों के कारण आप सच्चाई अस्वीकार करते रहे, लेकिन अब चुनाव ख़त्म हो चुके हैं अब सच्चाई स्वीकार करें, हमने हमने 21 लाख किसानो की क़र्ज़ माफ़ी की है और आचार संहिता समाप्त होते ही कर्जमाफी की इस प्रक्रिया को वापस शुरू कर शेष बचे किसानों के भी कर्ज माफ़ करेंगे| यह चुनावी घोषणा नहीं हमारा वचन है|
अब तो कर्जमाफी की सच्चाई को स्वीकार करें
शिवराज को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही मैंने मुख्यमंत्री के रूप में 17 दिसंबर को पदभार ग्रहण करते ही पहले आदेश के रूप में किसानों के दो लाख तक के फसल ऋण माफी के आदेश पर हस्ताक्षर किए| उसके बाद हमने कर्ज माफी की प्रक्रिया प्रारंभ की| 22 फरवरी 2019 से हमने कर्ज माफी के प्रमाण पत्र किसानों को बांटना प्रारंभ किये, जिसके तहत 10 मार्च को आचार संहिता लगने के पूर्व तक हमने 21 लाख किसानों के कर्ज माफ किए| आचार संहिता के दौरान हमने जिन क्षेत्रों में चुनाव संपन्न हो चुके हैं वहां के 4.83 लाख किसानों के खाते में कर्ज माफी की राशि डालने की चुनाव आयोग से अनुमति मांगी, अनुमति मिलते ही हमने उन किसानों की कर्ज माफी की प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी| कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने आपके निवास आकर कर्जमाफी वाले 21 लाख किसानों की प्रमाणित सूची भी आपको सौंपी, नो ड्यूज सर्टिफिकेट भी आपके घर भेजे लेकिन प्रमाण मिलने के बावजूद आप चुनाव को देखते हुए किसानों को गुमराह भ्रमित करने के लिए सच्चाई को अस्वीकार करते रहे, अब चुनाव खत्म हो चुके हैं उम्मीद करते हैं कि आप कर्ज माफी की सच्चाई को स्वीकार करेंगे|