भोपाल। लोकसभा चुनाव अपने अंतिम पड़ाव पर हैं। छह चरण पूरे हो चुके हैं। सांतवे और अंतिम चरण के लिए चुनाव 19 मई को होना है। मालवा निमाड़ की आठ लोकसभा सीटों पर वोट डाले जाएंगे। इनमें देवास, उज्जैन, धार, इंदौर, रतलाम-झाबुआ, खंडवा, खरगोन और मंदसौर शामिल है। बीजेपी ने इन सभी सीटों पर 2014 में जीत का परचम लहराया था। लेकिन बाद में हुए उप चुनाव में रतलाम -झाबुआ कांग्रेस के हिस्से में वापस आ गई थी।
दिंसबर 2018 में हुआ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी की कई सीटों पर सेंध लगाई और अपने प्रदर्शन से सबको हैरान कर दिया। मालवा निमाड़ की 64 विधानसभा सीटों में कांग्रेस को 35 पर जीत मिली। जिसके दम पर कांग्रेस सरकार बनाने में कामयाब हुई। फिलहाल उज्जैन की आठ में से कांग्रेस के पास पांच, धार में छह, रतलाम में 6, खरगोन 6 और खंडवा की आठ में से चार पर कांग्रेस का कब्जा है। कांग्रेस को यहां से दो निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी प्राप्त है। इंदौर में बीजेपी और कांग्रेस के पास चार चार सीट हैं। वहीं, मंदसौर में कांग्रेस सबसे ज्यादा कमज़ोर है यहां बीजेपी की 7 और कांग्रेस के पास सिर्फ एक सीट है।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मालवा निमाड़ में मंत्रियों को जीत दिलाने की जिम्मेदारी सौंपी है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि पार्टी को विधानसभा चुनाव की तरह प्रदर्शन करना है। मंत्री जीतू पटवारी, मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, तुलसी सिवालट, सुरेंद्र सिंह बघेल, उमंग सिंघार, बाला बच्चन, सचिन यादव और विजयलक्ष्मी साधो को यहां भेजा गया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने तीन लोकसभा क्षेत्र में अबतक सभाएं की हैं। यही नहीं प्रियंका गांधी ने भी रतलाम, उज्जैन और इंदौर में रोड शो किया। बीजेपी भी इस मामले में पीछे नहीं है। पार्टी ने पूर्व मंत्रियों को मालवा निमाड़ में जीत सुनिश्चित करने की अहम जिम्मेदारी सौंपी है। बीजेपी रतलाम, धार और खरगौन सीट पर फोकस कर रही है। यहां पीएम मोदी से लेकर पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान तक सभाएं कर रहे हैं।