भोपाल। मध्य प्रदेश में कांग्रेस को मिली हार के बाद अब मंथन होना शुरू हो गया है। पार्टी में एक जुटता को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। हार के बाद नेतत्व के बदले जाने की भी बात सामने आ रही है। वहीं, कुछ विधायकों का मानना है कि पार्टी को मिली हार का बड़ा कारण है सही उम्मीदवार का चयन नहीं होना। लेकिन कुछ ने कहा कि उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया इसलिए जनता ने गुस्से में बीजेपी को वोट दिया।
दरअसल, 2018 में विधानसभा चुनाव में जीत के बाद मंत्री मंडल में कांग्रेस ने दूसरी बार बने विधायकों को ही मंत्री बनाया है। पहली बार विधायक बने उम्मीदवारों को जगह नहीं दी गई है। जिसे लेकर कई विधायक नाराज चल रहे थे। कई वरिष्ठ विधायकों को भी मंत्री मंडल से बाहर रखा गया था। मुरैना जिले के सुमावली सीट से विधायक एंदल सिंह कंसाना ने कहा कि कांग्रेस को तीन जिले में इसलिए भारी नुकसान हुआ है क्योंकि उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया। कांग्रेस को मुरैना, ग्वालियर, भिंड में गुर्जर समुदाय के वोट नहीं मिले। कंसाना ने कहा कि इसलिए कांग्रेस को यहां नुकसान उठाना पड़ा। इस क्षेत्र में कांग्रेस की जीत के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि कंसाना को मंत्री मंडल में जगह मिल सकती है। लेकिन ऐसा हुआ नहीं, जिसके बाद जनता में काफी नाराजगी थी। वहीं, धार जिले की मनावर विधानसभा से विधायक हीरालाल अलावा भी कहा है कि उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया इसिलए आदिवासी क्षेत्र में पार्टी को बड़ा झटका लगा है।
कुशवाहा ने टिकट वितरण को ठहराया जिम्मेदार
सतना से कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा ने कहा कि कांग्रेस ने गलत प्रत्याशियों को टिकट दिया इसलिए हारे। उन्होंने दावा किया कि राजाराम इसलिए हारे क्योंकि स्थानीय लोगों में उनकी खास पकड़ नहीं है। उन्होंने कहा कि कई जगह कांग्रेस नहीं उम्मीदवार हारे हैं क्योंकि जनता के बीच उनकी पकड ठीक नहीं थी।