ऐसे कैसे आगे बढ़ेगा इंडिया! क्लासरूम में ठेकदार ने ठहराए लेबर, बच्चों को दूसरे स्कूल भेजने का फरमान

Studies stopped in Sulaimaniya School Bhopal : भोपाल के शासकीय सुलेमानिया स्कूल में अचानक बच्चों की पढ़ाई बंद हो गई है। दरअसल यहां बीच सेशल में स्कूल में निर्माण कार्य कराया जा रहा है और जिस ठेकेदार को काम का ठेका दिया गया है उसने अपने मजदूरों को स्कूल के ही क्लासरूम में ही ठहरा दिया है। इसके बाद अब बच्चों से कहा जा रहा है कि उन्हें पढ़ने के लिए दूसरे शासकीय स्कूल में जाना होगा। इस बात को लेकर अभिभावकों और स्थानीय लोगों में आक्रोश है।

क्लासरूम में बच्चों की बजाय लेबर

राजधानी के रेतघाट इलाके में स्थित सरकारी सुरेमानिया स्कूल में 8वीं तक कक्षाएं लगती हैं और लड़के लड़कियां दोनों साथ पढ़ते हैं। यहां पिछले कुछ  दिन में बिल्डिंग में रिनोवेशन का कार्य हो रहा है और पिछले 5 दिन से यहां काम करवाने वाले ठेकेदार ने अपने लेबर्स को स्कूल के ही क्सासरूम में ठहरा दिया है। काम करने वाले मजदूरों ने स्कूल के क्सासरूम में बाकायदा बिस्तर तान लिया है और वहां खाना बनाने का इंतजाम भी कर लिया है। इस कारण यहां कक्षाएं नहीं लग पा रही है और स्कूल प्रबंधन के मुताबिक अब ये फरमान सुना दिया गया है कि बच्चों को पढ़ने के लिए पास के दूसरे सरकारी स्कूल में भेजा जाए।

अभिभावकों में नाराजगी

इस बात को लेकर अभिभावकों में रोष है। स्थानीय पार्षद का भी कहना है कि इस स्कूल में अमूमन गरीब तबके के बच्चे पढ़ने आते हैं और उनके माता पिता के लिए उन्हें दूसरे स्कूल में छोड़ने जाना संभव नहीं है। इनका कहना है कि जिस स्कूल में बच्चों को भेजने की बात कही जा रही है वहां पहुंचने के लिए ट्रैफिक वाली सड़कें पार कर जाना होगा जो बिलकुल भी सुरक्षित नहीं है। इस बात को लेकर अब अभिभावकों ने विरोध जताया है साथ ही स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि बच्चों की शिक्षा सरकार की प्राथमिकता में ही नहीं है और इस तरह के ठेकेदारों को सरकार का संरक्षण मिल रहा है तभी चलते हुए स्कूल को बंद करा दिया गया है। उन्होने बच्चों की शिक्षा के अधिकार के हनन का आरोप लगाते हुए कहा कि इस कारण बच्चों की पढ़ाई का जो नुकसान होगा, आखिर उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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