भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) कोरोना (Covid-19) कहर बरपाना जारी है। संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। कोरोना को लेकर लोगों में डर इस कदर फैल चुका है कि अगर कोई व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव (Corona Positive) होता है, तो वह तुरंत अस्पताल की ओर भागता है। ऐसे में अस्पतालों पर मरीजों का अतिरिक्त बोझ बढ़ रहा है। कई बार उन मरीजों को जगह नहीं मिल पाती, जिन्हें चिकित्सा सेवाओं की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि कोरोना से पीड़ित किन मरीजों को अस्पताल जाने की जरूरत है और कौन से मरीज क्वॉरेंटाइन सेंटर (Quarantine Center) या घर में रहते हुए अपना इलाज कर सकते हैं।
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घर मे रहकर कोरोना का इलाज
विशेषज्ञों का कहना है कोरोना होने का मतलब ये नहीं है कि आप को तुरंत अस्पताल में भर्ती होना होगा। इसके लिए कई परिस्थितियां मायने रखती हैं। अगर कोरोना पॉजिटिव होने के बाद हल्का बुखार आता है तब घबराने की जरूरत नहीं है। अगर बुखार ज्यादा हो तब डॉक्टर से बात करनी चाहिए। व्यक्ति को सबसे पहले अपना ऑक्सीजन लेवल चेक करना चाहिए। अगर ऑक्सीजन लेवल 92 से ज्यादा है, तब उसे अस्पताल जाने की जरूरत नहीं है। अगर उसका ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है, तब उसे तुरंत अस्पताल जाना चाहिए।
विशेषज्ञ बताते हैं कि कई मरीजों को डायरिया भी हो जाता है। अगर डायरिया ज्यादा है तब ही मरीज को अस्पताल जाना चाहिए। इसके अलावा अगर मरीज में ऑक्सीजन का स्तर ठीक है, बुखार ज्यादा नहीं है या डायरिया की समस्या नहीं है, तो उस मरीज को अस्पताल जाने की जरूरत नहीं है। वो घर पर रहते हुए डॉक्टर से संपर्क कर सकता है और डॉक्टर के निर्देशों अनुसार अपना इलाज कर सकता है।