Cast Census : कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक (CWC) ने सर्वसम्मति से फैसला लिया है कि कांग्रेस शासित सभी प्रदेशों में जातिगत जनगणना की जाएगी। इस बात की घोषण राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में की। उन्होने कहा कि ‘इंडिया गठबंधन’ के अधिकांश दल इसे लेकर एकमत है, कुछ दलों की इस मुद्दे पर अलग राय हो सकती है लेकिन उनके ओपिनियन को लेकर हमें कोई दिक्कत नहीं है। वहीं कास्ट सेंसस के बाद अगला कदम इकॉनॉमिक सर्वे का होगा। राहुल ने कहा कि वो बीजेपी पर भी जातिगत जनगणना कराने के लिए दबाव डालेंगे और करवाएंगे लेकिन अगर उन्होने नहीं किया तो उन्हें परे हो जाना चाहिए क्योंकि देश जातिगत जनगणना चाहता है। वहीं पांच राज्यों में होने वाले चुनावों को लेकर उन्होने कहा कि माहौल बहुत सकारात्मक है और ‘हम अच्छा करेंगे’।
कास्ट सेंसस के बाद होगा इकोनॉमिक सर्वे
सोमवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए राहुल गांंधी ने कहा कि चार घंटे चली चर्चा के बाद कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने निर्णय लिया कि जहां जहां हमारी सरकारें है, वहां कास्ट सेंसस के काम को आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस काम को पूरा करके ही रहेगी। राहुल ने कहा ‘याद रखिए..जब हम वादा करते हैं तो वादे को तोड़ते नहीं है।’ वहीं इस बात का भी भरोसा दिलाया कि इंडिया गंठबंधन के ज्यादा से ज्यादा दल इसे समर्थन करेंगे। उन्होने कहा कि ये हमारी गलती है जो हमने पहले जातिगत जनगणना नहीं की, उसे अब हम पूरा करके दिखा देंगे।
राहुल ने कहा कि हिंदुस्तान के भविष्य के लिए कास्ट सेंसस बेहद जरुरी है। ये जाति और धर्म की बात नहीं है, ये गरीबों की बात है। ये ओबीसी, दलितों, आदिवासियों और गरीब लोगों के लिए ये काम किया जा रहा है। आज दो हिंदुस्तान बन रहे हैं..एक अडाणी वाला और दूसरा सबका। जातिगत जनगणना से साफ हो जाएगा कि देश में कौन और कितने लोग हैं। हम केवल जातिगत जनगणना पर नहीं रुकेंगे, इसके बाद इकोनॉमिक सर्वे कराया जाएगा। इससे ये भी पता चल जाएगा कि हिंदुस्तान में किसकी कितनी आबादी है और धन और संसाधन किसके हाथ में हैं।
पीएम मोदी पर मुद्दे से ध्यान भटकाने का आरोप
राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जातिगत जनगणना के मुद्दे पर लोगों का ध्यान भटकाने का काम कर रहे हैं। कांग्रेस के चार में से तीन मुख्यमंत्रियों में से तीन ओबीसी वर्ग के हैं वही बीजेपी के दस मुख्यमंत्रियों में से सिर्फ एक ओबीसी से आते हैं। बीजेपी सिर्फ ओबीसी की बात करते हैं लेकिन पीएम बताएं कि उन्होने इनके लिए क्या किया। मैंने कहा था कि देश को चलाने वाले 90 अफसरों में से सिर्फ 3 ओबीसी से हैं और उनका सिर्फ 5 प्रतिशत बजट पर अधिकार है। राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री ओबीसी वर्ग के लिए काम नहीं करते हैं, उनका काम ओबीसी वर्ग का ध्यान बंटाने का है। ओबीसी, दलित, आदिवासी वर्ग को कितनी भागीदारी मिल रही है..आरएसएस ने इस सवाल से ध्यान भटकाने की पूरी व्यवस्था की है और पीएम मोदी इसके लिए उनका सेंट्रल टूल है।
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए राहुल ने कहा कि अगर किसी को चोट लगती है तो अस्पताल में पहला काम होता है एक्सरे कराना। हमें लग रहा है कि हिंदुस्तान में जो भागीदारी ओबीसी, दलित, आदिवासियों की होनी चाहिए, वो है या नहीं उसपर संशय है। हम सिर्फ ये कर रहे हैं कि क्या इस बात में सच्चाई है या नहीं। नरेंद्र मोदी एक्सरे कराने से क्यों डर रहे हैं ? वे जहां भी जा रहे हैं इस मुद्दे को भटकाने का काम कर रहे हैं। हमपर आरोप लगा रहे हैं हिंदुओं को बांटने का लेकिन ये लोगों को बांटने की नहीं, असल में उनका हक देने की बात है। बीजेपी का लक्ष्य ध्यान बंटाने का है और वो आने वाले समय में इसके और तरीकें निकालेंगे।
‘जातिगत जनगणना राजनीतिक निर्णय नहीं’
राहुल गांधी ने कहा कि जातिगत जनगणना राजनीतिक निर्णय नहीं है..ये न्याय और हिस्सेदारी का निर्णय है। इसका कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है। हम हिंदुस्तान की बहुल आबादी की हिस्सेदारी की बात कर रहे हैं और वो हम देकर रहेंगे। उन्होने कहा कि जैसे मेंनै कोविड और चीन के बारे में कहा था वैसे ही आज बोल रहा हूं..कास्ट सेंसट होगा गरीबों को उनकी हिस्सेदारी मिलकर रहेगी। ये काम कांग्रेस करके दिखाएगी। पहला सवाल कास्ट सेंसस से साफ हो जाएगा कि देश में किसकी कितनी आबादी है। इसके बाद आर्थिक सर्वेक्षण से ये पता चलेगा कि देश का धन और संसाधन इनके हाथ में भी है या नहीं, इनकी कितनी हिस्सेदारी है। देश के इंस्टिट्यूशन में उनकी कितनी भागीदारी है। उन्होने कहा कि हम एक ऐतिहासिक सवाल पूछ रहे हैं कि हिंदुस्तान में ओबीसी, दलित और आदिवासियों की कितनी हिस्सेदारी है। देश का आने वाला इकनॉमिक और पॉलिटिकल मॉडल इसी पर बनेगा।
पांच राज्यों के चुनाव पर कहा ‘माहौल सकारात्मक’
वहीं पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि माहौल बहुत सकारात्मक है। मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार जा रही है। छत्तीसगढ़ में हमारी सरकार फिर आ रही है। राजस्थान में आ रही है। उन्होने कहा हम इन चुनावों में बहुत अच्छा करेंगे। कांग्रेस शासित प्रदेशों की योजनाओं को हम नेशनल लेवल पर लागू करने की योजना बना रहे हैं। उन्होने कहा कि लोगों को बेरोजगारी, महंगाई और बढ़ती असमानता को लेकर गुस्सा है। बीजेपी ने देश में नफरत फैलाई है जो देश के लोगों को अच्छी नहीं लगी है। बीजेपी और पीएम ने देश को नफरत, डर और हिंसा का विजन दिया है। हम देश को मोहब्बत, सम्मान और भागीदारी का विजन देंगे। राहुल गांधी ने कहा कि और देश का मूड बदल गया है और ये बात धीरे धीरे बीजेपी को भी समझ आ जाएगी।