भोपाल। देश की सबसे हाई प्रोफाइल सीट भोपाल में भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ने बड़ी जीत हासिल की है| कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह यहां चुनाव हार गए हैं| 2014 में मोदी लहर के बाद 2019 में भी इसका बड़ा असर देश भर में देखने को मिला और कांग्रेस के लगभग सभी दिग्गज नेता चुनाव हार गए| मध्य प्रदेश में भी 28 सीटों पर कांग्रेस पिछड़ी हुई है| वहीं गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया, दिग्विजय सिंह जैसे शीर्ष स्तर के नेता को बड़ी शिकस्त मिली है| साध्वी प्रज्ञा ने कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह पर 3 लाख से अधिक वोटों से जीत दर्ज की है|
कई मामलों में भोपाल सीट देश भर में सुर्ख़ियों में रही है| इस सीट पर भाजपा कांग्रेस से ज्यादा साध्वी प्रज्ञा और दिग्विजय सिंह के बीच लड़ाई थी, और इस लड़ाई को बेहद अहम् मा��ा जा रहा था| प्रदेश की राजनीति के चाणक्य माने जाने वाले दिग्विजय सिंह ने जीते के लिए संतों की फौज तक का सहारा लिया, लेकिन बीजेपी के गढ़ में सेंध नहीं लगा पाए| भाजपा का गढ़ मानी जाने वाली भोपाल सीट पर तीस साल से कांग्रेस ने जीत का स्वाद नहीं चखा है, इस सीट पर कांग्रेस सारे नुस्खे आजमा चुकी है लेकिन जीत नहीं मिली। ब्राह्मण, मुस्लिम, कायस्थ, ओबीसी, नवाब, क्रिकेटर, स्थानीय, बाहरी सबको आजमा लिया, पर कोई भी प्रयोग सफल नहीं हुआ। कांग्रेस के के एन प्रधान 1984 में भोपाल से जीतने वाले आखिरी उम्मीदवार थे। हारने वालों की सूची में पूर्व क्रिकेटर नवाब पटौदी, पूर्व मंत्री सुरेश पचौरी जैसे दिग्गज शामिल हैं। लेकिन इस बार कांग्रेस ने अपने सबसे वरिष्ठ और चुनावी राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी दिग्विजय सिंह को मैदान में उतारा| लेकिन दिग्विजय भी चुनाव नहीं जीत पाए| वे राजगढ़ से टिकट चाहते थे| लेकिन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उन्हें सबसे कठिन सीट से चुनाव लड़ने को कहा था| जिसके बाद दिग्विजय यहां से पूरी ताकत से लड़े, लेकिन बीजेपी के गढ़ को भेद नहीं सके|
शुरुआत से ही यहाँ का चुनाव देश भर में चर्चित रहा| साध्वी प्रज्ञा की बयानबाजी से देश भर में विरोध भी उठा| उनके बयानों पर बीजेपी की किरकिरी भी हुई और साध्वी को बार बार माफ़ी भी मांगनी पड़ी| इन सबके बाद भी साध्वी जीतने में सफल हुई| वही पूरे चुनाव प्रचार के दौरान दिग्विजय सिंह ने काफी नपे-तुले शब्दों में निशाना साधा, लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान साध्वी के तल्ख तेवर बरकरार रहे। हिन्दू आतंकवाद के आरोपों को भूनानकर बीजेपी ने दिग्विजय को पूरे चुनाव में घेरने की कोशिश की और भंटाढार जैसे शब्दों का प्रयोग कर बीजेपी ने अपन�� प्रचार किया| यहां बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी रोड शो किया था| बीजेपी के लिए इस बार चुनौती माना जा रहा था| लेकिन शुरुआत से बीजेपी ने बढ़त बनाकर रखी |