साध्वी प्रज्ञा पर प्रतिबंध के फैसले पर क्या बोले दिग्विजय

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भोपाल। चुनाव आयोग ने भोपाल लोकसभा से बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के विवादित बयानों पर कार्रवाई करते हुए 72 घंटे का  प्रतिबंध लगा दिया है। आयोग के इस कदम पर कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह ने स्वागत करते हुए साध्वी का नामांकन रद्द करने की मांग की है। 

उन्होंंने ट्विट कर लिखा है कि, चुनाव आयोग का यह निर्णय अभिनंदनीय है । भाजपा साम्प्रदायिक विद्वेष की राजनीति करने वालों तथा आतंकवाद के आरोपियों को जब उम्मीदवार बनाएगी तब ऐसा होना स्वाभाविक है। आदर्श लोकतान्त्रिक मूल्यों की स्थापना व संरक्षण हेतु इस प्रकार के प्रत्याशियों का नामांकन रद्द करना श्रेयस्कर होगा ।

दरअसल, साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने हाल ही में एटीएस चीफ शहीद हेमंत करकरे और बाबरी मस्जिद के ढांचे के बारे में विवादित बयान दिए थे। हेमंत करकरे की शहादत को अपने द्वारा दिए गए श्राप का नतीजा बताते हुए कहा था, “उन दिनों मैं मुंबई जेल में थी। जांच आयोग ने सुनवाई के दौरान एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे को बुलाया और कहा कि जब प्रज्ञा के खिलाफ कोई सबूत नहीं है तो उन्हें छोड़ क्यों नहीं देते. तब हेमंत ने कई तरह के सवाल पूछे, जिस पर मैंने जवाब दिया कि इसे भगवान जाने। इस पर करकरे ने कहा कि ‘तो, क्या मुझे भगवान के पास जाना होगा’.”

प्रज्ञा ने कहा था, “उस समय मैंने करकरे से कहा था कि तेरा सर्वनाश होगा, उसी दिन से उस पर सूतक लग गया था और सवा माह के भीतर ही आतंकवादियों ने उसे मार दिया था. हिदू मान्यता है कि परिवार में किसी का जन्म या मृत्यु होने पर सवा माह का सूतक लगता है. जिस दिन करकरे ने सवाल किए, उसी दिन से उस पर सूतक लग गया था, जिसका अंत आतंकवादियों द्वारा मारे जाने के साथ हुआ.”


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