दिग्विजय सिंह ने साधा निशाना, कहा ‘सीएम शिवराज की नौटंकी से अब पीएम मोदी भी महसूस कर रहे हैं खतरा’

Digvijaya Singh'

दिग्विजय सिंह ने कहा है कि वो बीजेपी के फेवरेट टारगेट हैं। उन्होने कहा कि ‘मैं भाजपा के लिए बॉक्सिंग के पंचिंग बैग की तरह हूं, जिसपर वो रोज घूंसा मारते हैं। लेकिन जिस तरह बैग हिल हिलकर वापस अपनी जगह खड़ा हो जाता है, वैसी ही हालत दिग्विजय सिंह की है।’ अपने निवास पर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होने कहा कि नवरात्रि और दशहरे पर हम यही कामना करते हैं कि सत्य की विजय हो, असत्य का नाश हो, प्राणियों में सद्भावना हो, विश्व का कल्याण हो..यही सनातन धर्म है, जिसका पालन भाजपा नहीं करती है। वहीं उन्होने सीएम शिवराज पर निशाना साधते हुए कहा कि अब उनकी नौटंकी से पीएम मोदी भी खतरा महसूस करने लगे हैं।

सीएम शिवराज पर साधा निशाना

दिग्विजय सिंह ने सीएम शिवराज सिह चौहान को घेरते हुए कहा कि ‘उनसे बड़ा झूठा और नौंटकी करने वाला व्यक्ति मैंने नहीं देखा है।’ उन्होने कहा कि अब तो नरेंद्र मोदी जी भी इससे खतरा महसूस कर रहे हैं। वहीं टिकट वितरण के बाद उठ रहे विरोध की आवाजों के बाद क्या कुछ सीटों पर उम्मीदवार बदले जाएंगे…इस सवाल के जवाब में उन्होने कहा कि वो इस बात के लिए अधिकृत नहीं है। उन्होने कहा कि मेरे पांच राजनीतिक सिद्धांत है संपर्क, संवाद, समन्वय, सामंजस्य और सकारात्मक सोच और इन्हीं पर मेरा जीवन चला है। रूठे हुए लोगों को मनाने का क्या फार्मूला है इस सवाल के जवाब में उन्होने एक बार फिर मुस्कुराते हुए कहा ‘विष पीना’। उन्होने कहा कि आप सबने कमलनाथ जी का और मेरा संवाद सुना है ‘जिसके टिकट न मिले वो दिग्विजय सिंह के कपड़े फाड़ो..तो फा़ड़ो। हम खड़े हैं।’

टिकट वितरण को लेकर कही ये बात

पूर्व मुख्यमंत्री ने इस मौके पर अपने पुराने दिन याद करते हुए कहा कि 1985 में राजीव गांधी ने उन्हें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बना दिया था और तब वे 38 साल के थे। उस समय मध्य प्रदेश के नेताओं में डॉ. शंकरदयाल शर्मा, प्रकाश चंद्र सेठी, अर्जुन सिंह, श्यामाचरण शुक्ल, माधवराव सिंधिया और कमलनाथ जी सहित सारे बड़े नेता थे। उस समय हम सबने मिलकर काम किया। उन्होने कहा कि तबसे लेकर आज तक वे किसी न किसी तरीके से उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया में शामिल रहे हैं।

उन्होने ने कहा कि ‘सबसे खराब काम है उम्मीदवार का चयन।’ क्योंकि जो भी उम्मीदवारी जताता है वो कहता है कि पच्चीस हजार से कम वोट से नहीं जीतेंगे। चार हजार उम्मीदवारों में 230 उम्मीदवार चुनना कठिन है क्योंकि इसमें कोई लिखित परीक्षा नहीं होती है। सिर्फ संभावनाओं देखी जाती है, काम और जनता में उसकी छवि, संगठन समर्थन कर रहा है या नहीं और जीतने की संभावना देखी जाती है। उन्होने कहा कि इस बार कांग्रेस ने जो प्रक्रिया अपनाई, वो बहुत ही पारदर्शी है। पूरी छानबीन करके निष्पक्षता से टिकट दिए गए हैं। उन्होने कहा कि हमारी सहानुभूति उनके साथ है जो टिकट न मिलने से नाराज है और हमारी सरकार बनती है जो अगर किसी के साथ कुछ अन्याय हुआ भी है तो उनका पूरा खयाल रखा जाएगा।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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