भोपाल।
इन दिनों मध्यप्रदेश में नेताओं की पत्नी को चुनाव लड़ाने की चर्चाएं जोरों पर है। कयास लगाए जा रहे है कि इस बार लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह और कांग्रेस के मुख्य रणनीतिकार दिग्विजय सिंह की पत्नी अमृता राय एंट्री कर सकती है।लेकिन इसी बीच दिग्विजय सिंह की पत्नी अमृता राय ने बड़ा बयान देकर राजनैतिक गलियाओं में हलचल पैदा कर दी है। अमृता ने फेसबुक के माध्यम से उनकी चुनाव लड़ने की खबरों को कोरी अफवाह बताया है, साथ ही मीडिया पर भी जमकर हमला बोला है।
अमृता ने फेसबुक पर लिखा है कि बचपन में कहावत सुनते थे कौवा कान ले गया… सुनकर ‘फलाने’ कौवे के पीछे दौड़ पड़े… अपने कान नहीं देखे। आजकल इस कहावत को चरितार्थ होते हुए देखती हूँ। मीडिया कौवा बन गया है और समाज अपने कान देखने की बजाय कौवे के पीछे दौड़ रहा है। कभी-कभी कौवा और समाज दोनों अफ़वाह के पीछे दौड लगा रहे हैं। और फिर अफ़वाह को सच मानकर सब दौड लगाने लग रहे हैं। अजीब दौर है !! इसे ही कहते हैं post truth era ! आगे अमृता लिखती है अब ऐसी ही एक घटना इन दिनों मध्य प्रदेश में सुर्खियों में है। मीडिया कौवा बनकर मेरे चुनाव लड़ने की अफ़वाह फैलाने में लगी है। और समाज मुझसे पूछने की बजाय मीडिया ख़बर के पीछे भाग रहा है। कान देने और कान रखने में फ़र्क़ होता है भाई !मगर हाँ… मैं जल्द आ रही हूँ। आपके बीच ही रहूँगी। प्रोपगैंडा के लिए नहीं पब्लिक की सच्ची सोच सामने लाने के लिए। उन मुद्दों को लेकर आने के लिए जिन्हें मीडिया ने भुला दिया है। आप मुझे देख सकते हैं हमारे नए कार्यक्रम पब्लिक एजेंडा के साथ। रोज़ाना रात ८ बजे।
गौरतलब है कि विधानसभा जीत के बाद से ही अटकले थी कि दिग्विजय की पत्नी अमृता मध्यप्रदेश की राजनीति में एंट्री कर सकती है। कार्यकर्ताओं और समर्थकों द्वारा भी लगातार यह मांग उठाई जा रही थी और मीडिया में भी खबरों ने जोर पकड़ रखा था। कयास लगाए जा रहे थे कि अमृता इंदौर या राजगढ़ सीट से लोकसभा चुनाव लड़ सकती है। चुंकी अमृता राय मूलत: पत्रकार हैं, राजनीति से उनका दशकों पुराना रिश्ता है और वो एक ऐसी महिला हैं जो दोनों स्थितियों में कांग्रेस के लिए लाभदायक रहेंगी, पार्टी सत्ता में आए तब भी और विपक्ष में चली जाए तब भी। इसकी अहम वजह ये भी थी कि राजगढ़ संसदीय सीट पर पार्टी के कद्दावर नेता दिग्विजय सिंह की मजबूत पैठ रही है। हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने इस संसदीय क्षेत्र की पांच विधानसभा सीटें जीती हैं, लिहाजा कांग्रेस के लिए लोकसभा चुनाव में ये बेहद सुरक्षित सीट मानी जा रही थी। वही साल 2018 में दिग्विजय सिंह ने जब नर्मदा यात्रा की थी तो उस समय अमृता भी उनके साथ थीं। उस समय जिस तरह से अमृता ने सभी तरह के आयोजनों में मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई उससे भी लग रहा कि इस बार वो लोकसभा चुनाव लड़ सकती हैं। फिलहाल राजगढ़ संसदीय सीट पर कौन चुनाव लड़ेगा इस पर आखिरी फैसला केंद्रीय आलाकमान की ओर से लिया जाएगा, लेकिन इतना तय माना जा रहा कि उम्मीदवार वही होगा जिसे दिग्विजय सिंह का समर्थन प्राप्त होगा।
लक्ष्मण सिंह का मानना- नेताओं की पत्नियों का चुनाव लड़ना हानिकारक
इधर शनिवार को ही दिग्विजय के छोटे भाई और कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने ट्वीट कर नेताओं की पत्नियों को चुनाव लडाना हानिकारक बताया था। चाचौड़ा से विधायक लक्ष्मण सिंह ने ट्वीटर पर लिखा था कि लोक सभा चुनाव में नया चेहरा, जो कभी लोक सभा का चुनाव नहीं लड़ा हो, को अवसर देना चाहिये। पुराने चेहरों पर दांव खेलना, हानिकारक होगा। नेताओं की पत्नियों को लड़ाना, अत्यंत हानिकारक होगा।