मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की गाइडलाइन में संशोधन किया गया है। चुनाव आयोग ने निर्वाचन संबंधी कर्मचारियों के लिए गाइडलाइन जारी की है। संशोधन के तहत अब सिर्फ अति आवश्यक सेवाओं में लगे श्रमिक कर्मचारी ही डाक मत पत्र का प्रयोग कर सकेंगे। गृह, ऊर्जा और स्वास्थ्य के साथ चिकित्सा शिक्षा विभाग से जुड़े कर्मचारियों और अधिकारियों के पास डाक मत पत्र से मतदान का अधिकार होगा। इसे लेकर विधि और विधायी (निर्वाचन) कार्य विभाग द्वारा गाइडलाइन प्रकाशिक कर दी गई है।
गाइडलाइन में संशोधन
बता दें कि 9 अक्टूबर को चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश चुनाव 2023 के लिए तारीख का ऐलान किया था। प्रदेश में एक चरण में 17 नवंबर को वोटिंग होगी और 3 दिसंबर को मतगणना की जाएगी। इसी के साथ चुनाव आयोग द्वारा चुनाव को लेकर निर्देश भी दिए गए हैं। अब उन्हीं में से एक डाक मत पत्र के प्रयोग को लेकर संशोधन किया गया है। इसके तहत अब अति आवश्यक सेवाओं में लगे श्रमिक कर्मचारियों को ही डाक मत पत्र से मतदान का अधिकार होगा। इसी के साथ दो दिन पहले कुछ नई गाइडलाइन भी जारी की गई है।
नए दिशानिर्देश भी जारी
इसके तहत अब नेताओं के पुतले फूंकना प्रतिबंधित है। वहीं दूसरे दलों की सभाओं का विरोध भी नहीं किया जा सकेगा। दूसरे दलों की सभाओं में सवाल पूछने वाले पर्चे फेंकना भी बैन है। गाइडलाइन के मुताबिक चुनावी उम्मीदवार या दल के नेता ऐसे किसी कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे जिसमें उनकी मौजूदगी के बाद जातीय, धार्मिक और भाषाई विवाद में और वृद्धि हो। वहीं किसी भी राजनेता या व्यक्ति के घर के सामने प्रदर्शन भी नहीं किए जा सकेंगे। मध्य प्रदेश की पुलिस के लिए भी नए दिशानिर्देशों के तहत पुलिसकर्मियों को ड्यूटी वाले स्थान पर पहुंचकर अपनी सेल्फी भेजनी होगी। पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की उपस्थिति को सेल्फी के माध्यम से दर्ज किया जाएगा।