करोड़ों के ई-टेंडरिंग घोटाले में कार्रवाई, EOW ने 7 कंपनियों के खिलाफ दर्ज की FIR

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भोपाल|प्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबियों के ठिकानों पर आयकर छापों के बाद मप्र सरकार भी भ्रष्टाचार को लेकर हरकत में आ गई है। जांच एजेंसी आर्थिक अपराध अन्वेषण प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने ई-टेंडरिंग घोटाला मामले में कार्रवाई की है| EOW ने 7 कंपनियों पर एफआईआर दर्ज की है| इसके अलावा मध्य प्रदेश सरकार के पांच अलग-अलग विभागों के अफसरों और अज्ञात नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है| आयकर छापों के बाद से ही प्रदेश के नौकरशाहों में हड़कंप मचा हुआ है। दो दिन से मंत्रालय में छापों और आयकर की कार्रवाई की चर्चा जोरो पर है, इस बीच इसकी भी चर्चा तेज हो गई थी कि  ई-टेंडरिंग घोटाले में कार्रवाई हो सकती है| 

EOW ने सात कंपनियों सहित अज्ञात नेताओं और अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। जल निगम, पीडब्ल्यूडी, एमपी रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन, जल संसाधन विभाग के अफसरों के साथ ही सात कंपनी के डायरेक्टर इसमें शामिल बताए जा रहे हैं। ईओडब्‍ल्‍यू के डीजी केएल तिवारी के अनुसार जनवरी 2018 से मार्च 2018 के बीच ये सभी टेंडर हुए थे, जिसमें 900 करोड़ की राशि जुड़ी थी। फिलहाल इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। जल्द ही आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट पेश की जाएगी। वहीं जिन लोगों के नाम इसमें सामने आए हैं, उनके खिलाफ भी जांच की जाएगी। आईपीसी की धारा 420, 468,471,120 b, आईटी एक्ट की धारा-66 के अलावा कई अन्य धाराओं में मामला दर्ज हुआ है। शुरुआती तौर पर ई-टेंडर प्रक्रिया में लगभग तीन हजार करोड़ के घोटाले की बात सामने आ रही है, लेकिन ये प्रक्रिया 2014 से ही लागू है और इस दौरान सरकार ने इस प्रक्रिया के जरिए तीन लाख करोड़ रुपए के टेंडर दिए जा चुके हैं। 

आयकर छापेमारी के बाद सत्तारूढ़ कांग्रेस और भाजपा के बीच बढ़ते राजनीतिक तनाव के बीच यह माना जा रहा था कि अब कांग्रेस सरकार, भाजपा सरकार के समय हुए घोटालों की फाइलें खोलेगी| भाजपा शासनकाल की सबसे बड़े ई-टेंडरिंग घोटाले में ईओडब्ल्यू अब तक नौ टेंडरों के टेम्परिंग की जांच कर रही है। इसको लेकर विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ने तत्कालीन सरकार की जमकर घेराबंदी की थी| लेकिन सरकार बनने के बाद लगा था कि मामला ठन्डे बस्ते में गया| अब चुनाव से ठीक पहले ईओडब्ल्यू ने सात कंपनियों पर एफआईआर दर्ज की है| इसमें कई नेता अफसर और रसूखदार लोग कार्रवाई की जद में आ सकते हैं|   

इन कंपनियों के संचालकों पर एफआईआर  

इससे हैदराबाद की कंस्ट्रक्शन कंपनियों- जीवीपीआर लिमिटेड, मैक्स मेंटेना लिमिटेड, मुंबई की कंस्ट्रक्शन कंपनियां- ह्यूम पाइप लिमिटेड, जेएमसी लिमिटेड, बढ़ौदा की कंस्ट्रक्शन कंपनी- सोरठिया बेलजी प्राइवेट लिमिटेड, माधव इन्फ्रो प्रोजेक्ट लिमिटेड और भोपाल की कंस्ट्रक्शन कंपनी राजकुमार नरवानी लिमिटेड के संचालकों, भोपाल स्थित साफ्टवेयर कंपनी ऑस्मो आईटी सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के संचालक शामिल हैं। एमपीएसईडीसी, मप्र के संबंधित विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारियों के साथ ही एंट्रेस प्राइवेट लिमिटेड बंगलुरू और टीसीएस के अधकिारी एवं कर्मचारी शामिल हैं


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