भोपाल। विधानसभा चुनाव के बाद मप्र भाजपा के नेताओं के बीच पैदा हुई मनमुटाव की स्थिति से भाजपा हाईकमान भी परेशान है। लोकसभा चुनाव से पहले हाईकमान ने मप्र इकाई को निर्देशित किया था कि एक साथ मिलकर काम करें, लेकिन नेताओं पर हाईकमान की नसीहत का असर दिखाई नहीं पड़ रहा है। यही वजह है कि भाजपा नेताओं के बीच अभी भी दूरी बरकरार है।
साथ नहीं आ रहे शिवराज-राकेश
भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बीच अभी भी मनमुटाव की स्थिति बनी हुई है। दोनों नेता अभी भी मंच साझा करने से बच रहे हैं, हालांकि पिछले दिनों प्रदेश कार्यालयों में हुई बैठकों को दोनों नेताओं ने संबोधित किया। लेकिन इन बैठकों में ये नेता ज्यादा देर तक नहीं रुके। जिसको लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता रघुनंदन शर्मा भी सवाल उठा चुके हैं।
तोमर ने बनाई दूरी
विधानसभा चुनाव में चुनाव अभियान का काम देख रहे केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने पिछले तीन महीने से भोपाल से दूरी बना ली है। इस दौरान उन्होंने पार्टी की बैठकों से किनारा किया था। हालांकि पिछले दिनों भाजयुमो की रैली में शिकरत करने के लिए वे भोपाल आए थे, लेकिन उसी दिन वे वापस लौट गए।
बंद कमरे तक सिमटे भगत
प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत यूं तो शुरू से ही पार्टी कार्यकर्ताओं से खुलकर मिलने से बचते रहे हैं, लेकिन हाल ही में उनके साथ ही अतुल राय को सह संगठन मंत्री के दायित्व से मुक्त करने के बाद भगत ने ख्ुाद को बंद कमरे तक सीमित कर लिया है।
भार्गव कर रहे मध्यस्थता
भाजपा नेताओं के बीच नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव समन्वय का काम रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी मिलने के बाद वे संगठन के कामों में ज्यादा सक्रियता दिखा रहे हैं। वे पार्टी कार्यालय में होनेे वाली बैठकों से लेकर जिलों की बैठकों मेंं भी हिस्सा ले रहे हैं।