बीजेपी की सबसे बड़ी सेंध, पहली बार चुनाव हारे सिंधिया, केपी यादव की बड़ी जीत

Published on -
First-time-in-history-scindia-lost-battle-of-guna-kp-yadav-won-seat

भोपाल। गुना से कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का किला ढहाने में बीजेपी को पहली बार सफलता मिली है। इस सीट पर आज तक गैर सिंधिया घराने का कोई उम्मीदवार नहीं टिका। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने इतिहास रच दिया है। बीजेपी प्रत्याशी केपी यादव ने इस सीट पर एक लाख 25 हजार वोटों से जीत दर्ज की है। एग्जिट पोल में भी इस सीट को भाजपा के खाते में बताया जा गया था। सिंधिया रियासत के भारत में विलय के बाद यहां राजमाता विजयराजे सिंधिया कांग्रेस में शामिल हो गईं थीं। इंदिरा गांधी से पटरी नहीं बैठ पाने के कारण वे जनसंघ में शामिल हो गईं। समय के साथ सिंधिया परिवार राजनीतिक रूप से बंट गया। उनके बेटे माधवराव सिंधिया भाजपा छोड़कर कांग्रेस में चले गए थे। 

कभी सिंधिया के साथ सेल्फी लेने की थी चाह

लोकसभा चुनावों के रुझानों ने जहाँ भाजपा और उसके सहयोगी दलों में ख़ुशी की लहर है तो कांग्रेस और उसके सहयोगियों में निराशा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया को टक्कर देने वाले केपी यादव कभी सिंधिया के ही कार्यकर्ता थे। कभी वो सिंधिया के साथ सेल्फी लेने के लिए उनकी गाड़ी के आगे दौड़ लगाते थे और आज उन्होंने सिंधिया को 2019 के महाभारत में पटकनी दे दी है। गौरतलब है कि  कभी सिंधिया के ख़ास सिपहसालार रहे यादव को  विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया था। जिसके बाद उन्हें भाजपा ने टिकट दिया लेकिन वो चुनाव हार गए।  अब लोकसभा में भाजपा ने केपी यादव को सिंधिया के सामने खड़ा किया और फ़िलहाल एक लाख से अधिक वोट की बढ़त बनाये हुए हैं। सोशल मीडिया पर केपी यादव का एक फोटो इस समय वायरल हो रहा है। जिसमें उन्हें लाल घेरे में सिंधिया की गाड़ी के सामने सेल्फी लेते दिखाया गया है।

माधवराव के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया

2001 में माधवराव सिंधिया के निधन के बाद 2002 में हुए उपचुनाव में उनके बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया यहां से लड़े। ज्योतिरादित्य 2002 से 2014 के बीच हुए सभी लोकसभा चुनाव में जीते। 

दोनों लोकसभा क्षेत्रों से कब-कब जीता सिंधिया परिवार का सदस्य

गुना : 1957    विजयाराजे सिंधिया(कांग्रेस), 1967 विजयाराजे सिंधिया(स्वतंत्रता पार्टी), 1971 माधवराव सिंधिया(जनसंघ), 1977 माधवराव सिंधिया(निर्दलीय), 1980 माधवराव सिंधिया(कांग्रेस), 1989 से 1998 तक विजयाराजे सिंधिया(भाजपा), 1999 माधवराव सिंधिया(कांग्रेस), 2004 से 2014 तक ज्योतिरादित्य सिंधिया(कांग्रेस) 


About Author

Mp Breaking News

Other Latest News