भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार पर करीब दो लाख करोड़ का कर्ज है। खज़ाने का हालत खस्ता है, सरकार किसानों की कर्जमाफी के लिए भी पैसा जुटाने के लिए रणनीति बना रही है। सरकार ऐसी योजनाओं को बंद करने की तैयारी में है जिससे कोई लाभ नहीं मिल रहा है और उलटा सरकार के खज़ाने पर ये योजनाएं भारी पड़ रही हैं। ऐसी करीब 250 योजनाएं हैं जिन्हें कमलनाथ सरकार बंद करने की तैयारी में है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इन योजनाओं को बंद करने से सरकार के 2 हज़ार करोड़ बचेंगे। जिसका उपयोग अन्य विकास कार्यों में किया जा सकेगा।
दरसल, राज्य सरकार के इस कदम से फिजूलखर्जी पर रोक लगेगी साथ ही दो हजार करोड़ रूपए की बचत भी होगी। इस मामले में चीफ सेक्रेटरी एसआर मोहंती ने इस मामले को लेकर विभिन्न विभागों के अफसरों के साथ बैठक की है। बैठक में इस बात का फैसला लिया गया है कि ऐसी योजनाएं जो सिर्फ कागजों में संचालित हैं उनको बंद कर अन्य योजनाएं के साथ जोड़ा जाएगा। यह योजनाएं शहरी प्रशासन, उच्च शिक्षा, तकनीकि शिक्षा, ग्रामोद्योग, कृषि और पिछड़ा विभाग, इन विभागों को योजनाओं के लिए प्रति वर्ष दस से 20 लाख आवंटित किए जाते हैं। अब इस फंड को अन्य विकासकार्यों में इस्तेमाल किया जाएगा। इसी तरह जिन एजेंसियों की जरूरत नहीं है उन्हें भी बंद किया जाएगा।
प्रशासन इन एजेंसियों से काम करवाने के लिए बड़े पैमाने पर राशि खर्च करता है लेकिन राज्य सरकार को इनसे कोई लाभ नहीं मिलता है। अब ऐसी एजेंसियों को जिलों में बंद करने के निर्देश दिए गए गए हैं।