तबादलों में उलझी कमलनाथ सरकार, मनपसंद अफसरों की पोस्टिंग चाह रहे मंत्री

Published on -
-Government-unable-to-place-Babus-properly

भोपाल। मध्य प्रदेश में प्रशासनिक सर्जरी से लेकर अलग अलग विभाग में अफसरों के तबादलों का दौर जारी है। मुख्यमंत्री कमलनाथ को सत्ता में आए दो महीने हो गए हैं लेकिन लगातार हो रहे तबादलों से सरकार पर अब सवाल उठने लगे हैं । सूत्रों के मुताबिक मंत्री अपने मनपसंद के अफसरों की पोस्टिंग चाह रहे हैं। नाथ ने मुख्यमंत्री की कमान संभालने के बाद नौकरशाहों के साथ अपनी पहली बैठक में कहा था कि एक से अधिक विभागों के प्रभार वाले अधिकारियों में समन्वय होना चाहिए। लेकिन तबादलोंं के बाद भी अफसरों में तालमेल नहीं बैठ रहा है। इसके अलावा सूत्रों का कहना है कि पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के अलावा रेरा चेयरमैन एंटनी डीसा भी अपने पसंद के अफसरों के तबादले में दखल दे रहे हैं। 

जिन अफसरों को कलेक्टर के पद से 21 दिसंबर को हटाया गया था उनसे में से सिर्फ शिल्पा हुप्ता, वेदप्रकाश, दिलीप कुमार और विरेंद्र रावत को ही 28 जनवरी को नई पोस्टिंग दी गई है। जबकि करमवीर शर्मा और मनीष सिंह को भी कलेक्टर के पद से हटाया गया है लेकिन उनकी अबतक नई पोस्टिंग नहीं की गई है। शशांक मिश्रा को उज्जैन का प्रभार सौंपा गया है, सौरभ कुमार सुमन को श्योपुर से हटाकर चार दिन बाद ही टीकमगढ़ का कलेक्टर बनाया गया था। 

उज्जैन के आयुक्त एमबी ओझा को उज्जैन से हटा दिया गया था, लेकिन उन्हें कुछ दिनों के बाद आयुक्त, महिला और बाल विकास नियुक्त किया गया था। दिग्विजय सिंह के पूर्व (ओएसडी), राजेश बहुगुणा, जबलपुर के कमिश्नर, उमेश कुमार और प्रबल सिभा को कलेक्टर के रूप में नियुक्त किया गया है। ग्वालियर से स्थानांतरित अशोक वर्मा कुछ दिनों के बाद ही सीएम सचिवालय में तैनात कर दिए गए। पन्ना कलेक्टर के रूप में विवादों में घिरे रवींद्र मिश्रा को होशंगाबाद का आयुक्त नियुक्त किया गया है। 

पूर्व सीएम शिवराज ने उठाए सवाल

प्रदेश में लगातार हो रहे तबादलोंं पर पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि तबादलों के पीछे क्या मुख्यमंत्री की रणनीति है या फिर कोई दूरसी शक्ती इसके पीछे है। उन्होंने कहा कि आईएएस और आईपीएस अफसरों का काम होता है सरकार की योजनाओं को जनता तक पहुंचाना। 


About Author

Mp Breaking News

Other Latest News