भोपाल। लोकसभा चुनाव के छठवें चरण में भोपाल लोकसभा सीट पर हुई वोटिंग के बाद बीजेपी और कांग्रेस नेता अब नतीजों का आंकलन करने में जुट गए हैं। विधानसभा वार हुई वोटिंग ने दोनों ही दलों के नेताओं की नींद उड़ा रखी है। बीजेपी के लिए जहां अपना गढ़ बचाने की चुनौति है तो वहीं दिग्विजय सिंह के सामने उनकी प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। बूथवार मतदान का मंथन करने के बाद दोनों ही दल के नेता अपनी अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। भोपाल लोकसभा संसदीय क्षेत्र में आठ विधानसभाएं आती हैं। इनमें से बैरसिया और सीहोर विधानसभा में बंपर वोटिंग हुई है। जिसे कांग्रेस खुद के लिए जीत का सिगनल मान रही है। वहीं, बीजेपी को भोपाल की गोविंदपुरा और हुजूर सीट से बड़े अंतर से लीड मिलने की उम्मीद है। सीहोर में 77 फीसदी और बैरसिया में 76 फीसदी मतदान दर्ज किया गया है। बड़े हुए प्रतिशत ने बीजेपी को गहरे चिंतन में डाल दिया है। ऐसा पहली बार हुआ है जब इन विधानसभा में मतदान का प्रतिशत इतना बढ़ा है।
कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह ने बैरसिया और सीहोर क्षेत्र में जमकर चुनाव प्रचार किया। उन्होंने यहां अपनी पूरी ताकत झोंक दी। यही नहीं उनके पुत्र और शहरी विकास मंत्री जयवर्धन सिंह ने भी इन क्षेत्रों में सभाएं की और लोगों से घर घर जा कर मिले। सिंह के करीबी नेताओं का कहना है कि बड़ा हुई मत प्रतिशत कांग्रेस के लिए अच्छी खबर है। बैरसिया का कुक्ष हिस्सा राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र में आता है। सिंह के समर्थकों का कहना है कि इस क्षेत्र से भी उन्होंने समर्थन मिला है। वहीं, सीहोर से बीजेपी के पूर्व विधायक रमेश सक्सेना ने कांग्रेस का दामन थाम लिया था। विधानसभा चुनाव में बागी हुए सनी महाजन ने भी सिंह को अपना समर्थन दिया है। इसलिए सीहोर में बंपर वोटिंग के पीछ कांग्रेस को बढ़त का दावा किया जा रहा है। यही नहीं इस क्षेत्र में आरएसएस कार्यकर्ताओं ने भी जमकर वोटिंग के लिए काम किया है।
गोविंदुरा और हुजूर की सता रही चिंता
भोपाल की गोविंदपुरा और हुज़ूर सीट पर बीजेपी का काफी समय से कब्जा है। इन दोनों ही क्षेत्रों से कांग्रेस को नुकसान पहुंचने की संभावना है। इसलिए पार्टी को यहां से चिंता सता रही है। इन दोनों ही क्षेत्रों से लगभग 60 फीसदी मतदान हुआ है। यह क्षेत्र बीजेपी का स्ट्रांग होल्ड माना जाता है। हुजूर सीट के बैरागढ़ में कांग्रेस ने सेंध लगाने की कोशिश की है। विधानसभा चुनाव में सिंधी समाज ने कांग्रेस का समर्थन किया था। लेकिन सिंह को यहां हुई वोटिंग को देखते हुए आश्वस्त नज़र नहीं आ रहे हैं। अपने शानदार प्रदर्शन के बावजूद कांग्रेस विधानसभा चुनाव में यहां हार गई थी। कांग्रेस उत्तर, मध्य और दक्षिण पश्चिम विधानसभा सीट से भी लीड मिलने की उम्मीद है।