Sat, Dec 27, 2025

ऑक्सीजन टैंकर के लिए बनेगा ग्रीन कॉरीडोर, सरकारी अस्पतालों में मिलेंगे निशुल्क रेमडेसिवीर इंजेक्शन

Written by:Shruty Kushwaha
Published:
ऑक्सीजन टैंकर के लिए बनेगा ग्रीन कॉरीडोर, सरकारी अस्पतालों में मिलेंगे निशुल्क रेमडेसिवीर इंजेक्शन

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में अब ऑक्सीजन टैंकर (Oxygen tanker) लाने के लिए ग्रीन कॉरीडोर (Green corridor) बनाया जाएगा। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग (Vishwas Sarang) ने बताया कि ऑक्सीजन टैंकर के साथ प्रदेश के दो पुलिसकर्मी भी रहेंगे, ताकि आवागमन में कोई अवरोध न आए। ऑक्सीजन सीधे सीधे हजारों कोरोना मरीजों की जान से जुड़ा है इसलिए  सीएम के निर्देशानुसार अब ऑक्सीजन टैंकर्स के लिए ग्रीन कॉरीडोर बनाया जाएगा और पुलिस की गाड़ी पायलटिंग करते हुए टैंकर को गंतव्य स्थान तक पहुंचाएगी।

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कोरोना के बढ़ते कहर के बीच सरकार अब ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए कई तरह के प्रयास कर रही है। देश के विभिन्न स्थानों से मध्यप्रदेश में ऑक्सीजन लाने के लिए नए नियम बनाए गए हैं। इसी के तहत ऑक्सीजन वाहन को अब एंबुलेंस के समकक्ष माना जाएगा और उसे रास्ते में कहीं भी रोका नहीं जाएगा। अब तक प्रदेश में 7 टैंकर ऑक्सीजन टैंकर आते थे। इनमें 2 टेंकरों की और वृद्धि की गई है और अब 9 टैंकरों में ऑक्सीजन की सप्लाई की जाएगी।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने कहा कि कोरोना से लड़ने के लिए सरकार हर तरह से प्रयासरत है। अब तक प्रदेश के अस्पतालों में लगभग 37 हजार बिस्तर उपलब्ध हैं, जिन्हें बढ़ाकर 1 लाख किया जाएगा। वहीं रेमडेसिवीर इंजेक्शन की उपलब्धता के लिए भी तमाम प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होने कहा कि गुरूवार को प्रदेश में नागपुर से 13,480 रेमडेसिवीर इंजेक्शन एयर कार्गो द्वारा इंदौर लाए गए हैं, जिन्हें अलग अलग स्थानों पर पहुंचाया गया है। ये भी सुनिश्चित किया गया है कि अब रेमडेसिवीर इंजेक्शन अस्पताल और संस्थाओं में ही मिलेंगे। चाहे वो सरकारी अस्पताल हों या प्राइवेट। रेमडेसिवीर इंजेक्शन की सप्लाई सरकार के साथ अब स्टॉकिस्टों को भी होगी और स्टॉकिस्टों के माध्यम से प्राइवेट सेक्टर के नर्सिंग होम और अस्पतालों को इंजेक्शन मिलेगा। इसमें अब सरकार का किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं रहेगा। आईसीएमआर और एम्स की गाइडलाइन के अनुसार जिन मरीजों को रेमडेसिवीर इंजेक्शन दिया जाना है उन्हें सभी मेडिकल कॉलेजों में सरकारी अस्पतालों में निशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। वहीं रेमडेसिवीर की कालाबाजारी पर रोक लगाने के लिए भी पूरी तरह नजर रखी जा रही है।