भोपाल| मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद भाजपा अब लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन के लिए जुट गई है| लेकिन एक बार फिर पार्टी के सामने प्रत्याशी चयन का मामला चुनौती बना हुआ है| विधानसभा चुनाव में एक दर्जन से अधिक मंत्रियों के खिलाफ फीडबैक आने के बाद भी पार्टी ने मौक़ा दिया था, लेकिन वे फेल रहे और शिवराज कैबिनेट के आधे मंत्री अपनी सीट नहीं बचा पाए| अब यह हारे हुए मंत्री एक बार फिर लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए सक्रिय हो गए हैं| आधा दर्जन पूर्व मंत्री अब लोकसभा चुनाव में भाग्य आजमाना चाहते हैं| ये पूर्व मंत्री टिकट पाने के लिए भोपाल से लेकर दिल्ली तक की दौड़ लगा रहे हैं|
भोपाल सीट
भोपाल दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से हारने वाले पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता भोपाल लोकसभा क्षेत्र से टिकट के लिए दावा कर रहे हैं। गुप्ता भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से मदद लेने के लिए टिकट पाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, सांसद आलोक संजर इस बार भी लोकसभा का टिकट पाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। वहीं पूर्व सीएम बाबूलाल गौर भी खुल्ला एलान कर चुके हैं, जिसके बाद गुप्ता और गौर की मुलाक़ात भी हुई है|
सागर सीट
दमोह से हारे जयंत मलैया, सागर सीट से लोकसभा टिकट के लिए दावेदारी कर रहे हैं। राज्य के पूर्व वित्त मंत्री भी जैन समुदाय का प्रतिनिधित्व करने के लिए टिकट का दावा कर रहे हैं। विधायक सागर, शैलेन्द्र जैन भी मलैया के लिए प्रयासरत हैं। मलैया, जो स्थानीय नहीं है, को विरोध का सामना करना पड़ा। यह लगभग तय है कि स्थानीय सांसद लक्ष्मीनारायण यादव को इस बार टिकट नहीं मिलेगा। इसलिए मलैया टिकट के प्रयास में है|
खंडवा सीट
बुरहानपुर सीट से हारने वाली अर्चना चिटनीस, खंडवा लोकसभा क्षेत्र से टिकट के लिए दावा कर रही हैं। चिटनीस ने पूरे लोकसभा क्षेत्र का दौरा किया है। चिटनिस के लिए आरएसएस के नेता भी काम कर रहे हैं। स्थानीय सांसद नंदकुमार सिंह चौहान इस बार अपना टिकट बचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
खरगोन सीट
पूर्व मंत्री अंतर सिंह आर्य खरगोन से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। आर्य सेंधवा से चुनाव हार गए थे। खरगोन निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवार के लिए आरक्षित है। सांसद सुभाष पटेल को इस बार टिकट नहीं मिलने की पूरी संभावना है। आर्य को यहां भाजपा के स्थानीय नेताओं का भी समर्थन मिल रहा है।
भिंड सीट
पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य भिंड से टिकट के लिए प्रयास कर रहे हैं। आर्य गोहद से चुनाव हार गए थे। सांसद भागीरथ प्रसाद का क्षेत्र में विरोध है, जिसके चलते उनका टिकट कट सकता है| वहीं ऐसी अफवाहें भी हैं कि प्रसाद बीजेपी छोड़ कर फिर से कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।
खजुराहो सीट
पूर्व मंत्री ललिता यादव खजुराहो से टिकट की दावेदारी कर रही हैं। यादव बड़ा मल्हारा से चुनाव हारी थी। पूर्व मंत्री अपनी पीड़ा जाहिर कर चुकी हैं, उनका कहना है कि चुनाव हारे क्योंकि उनका निर्वाचन क्षेत्र बदल गया था। उन्होंने अपने सेट को बदलने के लिए मुआवजे के रूप में खजुराहो सीट के लिए दावा किया है। खजुराहो के सांसद नागेंद्र सिंह, विधायक बन गए हैं।
मुरैना सीट
पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह मुरैना से टिकट के लिए ताल ठोक रहे हैं। सिंह मुरैना से विधानसभा चुनाव हार चुके हैं। सांसद अनूप मिश्रा अपने निर्वाचन क्षेत्र को बदलने पर विचार कर रहे हैं। मिश्रा को विधानसभा चुनाव के दौरान भितरवार से टिकट दिया गया था लेकिन वह हार गए। मिश्रा को शायद इस बार टिकट नहीं मिले, या वह ग्वालियर से चुनाव लड़े, ऐसी स्तिथि में रुस्तम भी सक्रिय हैं|