भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। 18 जनवरी 2022 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में बड़ा फैसला लिया गया था, जिस पर अमल शुरु हो गया है। इसके तहत मप्र राज्य परिसम्पत्ति प्रबंधन कम्पनी का गठन किया गया है।इसका खर्च मप्र सरकरा वहन करेगी। इसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और उपाध्यक्ष मुख्य सचिव होंगे। सभी सदस्यों के दायित्व निर्धारित कर दिए गए है।
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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में 18 जनवरी को हुई राज्य मंत्रि-परिषद की बैठक में लिये गये निर्णय के पालन में लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन विभाग के अन्तर्गत मप्र राज्य परिसम्पत्ति प्रबंधन कम्पनी एस.पी.व्ही.का गठन राज्य शासन द्वारा किया गया है।मध्यप्रदेश राज्य परिसम्पत्ति प्रबंधन कम्पनी तथा प्रस्तावित SPV की अधिकृत शेयर पूँजी 1000 करोड़ एवं प्रदत्त पूंजी (Paid up capital)10 करोड़ रूपये रखा जाना प्रस्तावित है।
SPV के गठन के उपरान्त शेयर पूँजी का 100% अंशदान म.प्र. सरकार द्वारा वहन किया जावेगा।मध्य प्रदेश राज्य परिसम्पत्ति प्रबंधन कम्पनी का प्रशासकीय विभाग मप्र लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन विभाग होगा। कम्पनी के संचालक मण्डल का भी गठन किया गया है, जिसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री और उपाध्यक्ष मुख्य सचिव होंगे। मण्डल के सदस्यों में वित्त, लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन, लोक निर्माण, राजस्व, वाणिज्यिक कर और नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के प्रमुख सचिव होंगे।
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प्रंबध संचालक मध्यप्रदेश राज्य परिसम्पत्ति प्रंबधन कम्पनी को सदस्य सचिव बनाया गया है। राज्य शासन ने संचालक मण्डल के दायित्व भी निर्धारित किये है। इसके साथ ही कम्पनी के लिये कार्यपालिक समिति का गठन कर उसके भी दायित्व निर्धारित किये हैं। राज्य शासन ने कम्पनी के लिये वित्त पोषण की व्यवस्था, पदीय संरचना के साथ वार्षिक व्यय भी तय किया है।
कार्य दायित्व
- लोक परिसम्पत्तियों के युक्तियुक्त प्रबंधन के संबंध में नीति एवं दिशा-निर्देशों को तैयार करना।
- अन्तर्विभागीय विमर्श एवं समन्वय के माध्यम से राज्य एवं सार्वजनिक उपक्रम की परिसम्पत्तियों का युक्तियुक्तकरण कर समुचित उपयोग सुनिश्चित करना।
- शासन एवं सार्वजनिक उपक्रम की सम्पत्तियों के मौद्रीकरण तथा प्रबंधन के लिए विभिन्न विकल्पों का मूल्यांकन करना।
- अनुपयोगी परिसम्पत्तियों के लिए प्रबंधन एवं मौद्रीकरण के लिए आवश्यक कौशल एवं योग्यतायुक्त मानव संसाधन तैयार करना।
- सूचना प्रौद्योगिकी एवं भौगोलिक सूचना तंत्र (IT & GIS) के माध्यम से राज्य की निर्वर्तन योग्य परिसम्पत्तियों की पंजी (State Assets Register) तैयार करना।
- परिसम्पत्तियों के मूल्य को बढ़ाने के लिए आवश्यक विकास कार्य, जिससे परिसम्पत्ति का बेहतर प्रबंधन हो सके।
- शासकीय विभागों एवं उपक्रमों को सेवा शुल्क के आधार पर परिसम्पत्तियों के मौद्रीकरण एवं प्रबंधन के लिए सलाहकारी सेवा (Consultancy Services) प्रदाय करना।
- आवश्यकतानुसार विभिन्न वित्तीय संस्थानों से ऋण प्राप्त कर इसे लोकहित के विभिन्न कार्यों में उपयोग करना।