सीएम शिवराज के निर्देश- शीघ्र भरे विभाग के रिक्त पद, वित्तीय वर्ष में 7000 करोड़ राजस्व मिलने की संभावना

Kashish Trivedi
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट मध्यप्रदेश (MP) में खनिज संपदा और राजस्व प्राप्ति को लेकर CM Shivraj खनिज विभाग के कार्यों की समीक्षा बैठक करें थे। इस दौरान उन्होंने खनिज संपदा का वैज्ञानिक दोहन कर उनसे रोजगार प्रदान करने के लक्ष्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा उन्होंने खनन विभाग में रिक्त पदों की पूर्ति की प्रक्रिया शुरू करने के भी निर्देश दिए हैं। जिसके बाद अब खनिज साधन विभाग में रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

कार्यालय में समीक्षा बैठक के दौरान सीएम शिवराज ने कहा कि जिलों में सर्वेक्षण का कार्य संचालित होते रहना चाहिए। बैठक में बताया गया है कि मैगनीज और इंडिया लिमिटेड सहित कई अन्य खनिजों के लिए दमोह, छतरपुर, पन्ना, जबलपुर, सिंगरौली के 14 ब्लॉक और बालाघाट छिंदवाड़ा के 24 ब्लॉकों का सर्वेक्षण शुरू कर दिया गया है। वहीं 20 क्षेत्र हीरा खनिज के बीच में शामिल किए गए हैं।

इसके अलावा छतरपुर में लौह अयस्क और झाबुआ में मैगजीन के लिए सर्वे किया जा रहा है। मिनिरल एक्सप्लोरेशन कॉरपोरेशन के लिए 7 ब्लॉक उपलब्ध कराए गए हैं जबकि दुर्लभ धातुओं की खोज के लिए प्रदेश के 3 जिले सीधी, बैतूल और कटनी में सर्वेक्षण का कार्य पूरा कर लिया गया है।

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मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार 71 निष्क्रिय खदानों का संचालन फिर से शुरू किया गया है। मुख्य खनिज किस और निष्क्रिय खदानों का लक्ष्य निर्धारित कर अब चूना पत्थर बॉक्साइट में लेटराइट की 71 खदानों का कार्य संचालन शुरू किया जाएगा। प्रमुख खनिज की नीलामी के लिए नई लघु खनिज नीति में मध्य प्रदेश गौण खनिज नीति 1996 में संशोधन की अधिसूचना जारी की गई है। इसके अलावा गौण खनिज की डेट रेट दर और पत्थर खनिज की डेट रेट दर के युक्तिकरण और 31 गौण खनिज की रॉयल्टी दरों के पुनरीक्षण की अधिसूचना भी प्रकाशित कर दी गई है।

समीक्षा बैठक में दी गई जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश के रोड के आधार पर वित्त वर्ष में खनिज राजस्व प्राप्ति में वृद्धि हुई है। वर्ष 2017-18 में 4284 करोड़ के मुकाबले वर्ष 2020-21 में खनिज राजस्व से 5150 करोड़ रूपए का लाभ लिया गया है। वहीं वर्तमान वित्त वर्ष में इसके 7 हजार करोड़ रूपए पहुंचने की संभावना भी जताई गई है। इसके अलावा मध्यप्रदेश में मुख्य खनिजों के 32 खनिज ब्लॉक की ई-नीलामी की भी प्रक्रिया की जा रही है। प्रदेश में मुख्य खनिज से 375 करोड़ रूपए की राजस्व प्राप्ति और 14 कोल ब्लॉक के आवंटन से सालाना 1360 करोड़ रुपए की राजस्व प्राप्ति होगी। वही एकत्रित गौण खनिजों की निविदा के उपरांत 9 खनिज ब्लॉक आवंटित करने की कार्रवाई भी की जा रही है।

गौण खनिजों पर ग्रामीण अवसंरचना और सड़क विकास अधिनियम 2005 के तहत कर अधिरोपित होने से 100 करोड़ रूपये की अतिरिक्त आय प्राप्ति संभावित है। गौण खनिजों की ई- एप्लीकेशन के आधार पर नवीन आवंटन प्रक्रिया से मंजूरी दी जा रही है। इससे वर्तमान वित्तीय वर्ष में 15 करोड़ रूपए की राजस्व वृद्धि होगी। गौण खनिज नियम में संशोधन के बाद एम-सेण्ड के प्रावधान लागू होने से प्राकृतिक रेत पर निर्भरता में कमी आएगी। प्रदेश में 5 जिलों में एम-सेण्ड की 6 खदान स्वीकृत की गई हैं।


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