MP Breaking News
Wed, Dec 17, 2025

International Mother Language Day : संस्कृति की आत्मा और पहचान की धरोहर है भाषा, जानिए अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का महत्व और इस साल की थीम

Written by:Shruty Kushwaha
Published:
दुनियाभर में विभिन्न जातीय समूह, धर्म और परंपराएं मौजूद हैं और इन सबको जोड़ने का काम करती है भाषा। भाषा वह अदृश्य धागा है जो सभी को एक सूत्र में जोड़ती है। यह सिर्फ संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि एक संपूर्ण सांस्कृतिक धरोहर भी है। किसी भी समाज की परंपराएं, रीति-रिवाज और जीवनशैली उसकी भाषा में ही समाहित होते हैं। आज अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर सीएम डॉ. मोहन यादव ने शुभकामनाएं देते हुए अपनी भाषा को संजोने का आह्वान किया है।
International Mother Language Day : संस्कृति की आत्मा और पहचान की धरोहर है भाषा, जानिए अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का महत्व और इस साल की थीम

International Mother Language Day : आज अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस है। भाषा एक ऐसा माध्यम है जो विभिन्न समुदायों और संस्कृतियों को एक सूत्र में पिरोता है। इसी महत्त्वपूर्ण रिश्ते को सशक्त बनाने के उद्देश्य से हर वर्ष 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया जाता है। ये दिन हमें याद दिलाता है कि हर भाषा एक अनूठी सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान का प्रतिनिधित्व करती है, जिसे संरक्षित और प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

इस दिन के माध्यम से हम भाषाई विविधता के महत्व को समझते हैं और अपनी मातृभाषाओं के संरक्षण के लिए संकल्पबद्ध होते हैं। आज के दिन सीएम मोहन यादव ने शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि ‘भाषा अभिव्यक्ति ही नहीं, हमारी संस्कृति है, पहचान है और जड़ों से जुड़ने का माध्यम… अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की आप सभी को हार्दिक बधाई। मातृभाषा के अविरल प्रवाह से संस्कृति और विरासत का संरक्षण होता है। हम सभी अपनी मातृभाषा पर गर्व करते हुए इसे संजोए रखने का प्रयास करें।’

अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का उद्देश्य और महत्व

मातृभाषा वह भाषा होती है जिसे व्यक्ति जन्म से सीखता है और जिसमें वह सबसे सहज अनुभव करता है। यह व्यक्ति की भावनाओं की अभिव्यक्ति का माध्यम होती है और उसके सोचने-समझने की प्रक्रिया को भी प्रभावित करती है। प्रत्येक मातृभाषा व्यक्ति की पहचान, उसकी सांस्कृतिक जड़ों और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

भाषा विचारों, भावनाओं और ज्ञान के आदान-प्रदान का आधार बनती है। दुनिया के विभिन्न देशों, प्रदेशों और समुदायों में असंख्य भाषाएँ बोली जाती हैं, जिनमें उच्चारण, लहजा और अभिव्यक्ति का तरीका भले ही अलग हो, लेकिन हर भाषा संवाद की मूलभूत कड़ी होती है। यही कारण है कि भाषाई विविधता को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का इतिहास और इस साल की थीम

अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस प्रतिवर्ष 21 फरवरी को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य विश्वभर में भाषाई और सांस्कृतिक विविधता को प्रोत्साहित करना है। इस दिन का इतिहास 1952 में बांग्लादेश (तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान) के भाषा आंदोलन से जुड़ा है, जहां कुछ छात्रों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बांग्ला भाषा की मान्यता के लिए संघर्ष किया था। इस आंदोलन के दौरान कई लोग शहीद हुए, और उनकी स्मृति में 1999 में यूनेस्को ने 21 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में घोषित किया।

वर्ष 2025 में हम अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की 25वीं वर्षगांठ मना रहे हैं और इस साल की थीम है ‘अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की रजत जयंती उत्सव’। यह पिछले पच्चीस वर्षों में भाषाई विविधता को संरक्षित करने और मातृभाषा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए किए गए समर्पित प्रयासों का स्मरण करता है।

विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन

आज के दिन विभिन्न देशों में भाषाई और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिसमें सेमिनार, कार्यशालाएं, और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां शामिल हैं। शैक्षणिक संस्थानों में निबंध प्रतियोगिताएं, वाद-विवाद, और भाषण प्रतियोगिताओं के माध्यम से छात्रों को मातृभाषा के महत्व के बारे में जागरूक किया जाता है। इसके अलावा, कई स्थानों पर रैलियों और सांस्कृतिक जुलूसों का आयोजन भी होता है, जो भाषाई विविधता और बहुभाषावाद को प्रोत्साहित करते हैं।