अरुण यादव के बयान पर कैलाश का तंज- “कांग्रेस में फसल चुराने की आदत”

खंडवा सुशील विधानी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अरुण यादव (Arun Yaday) के द्वारा बीती रात एक सार्वजनिक सभा में बोली गई बात पर सियासत गरमा गई है। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) अरुण यादव के बयान पर तंज कसते हुए कहा है कि कांग्रेस में तो फसल चुराने की भी आदत है।

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खंडवा लोकसभा उपचुनाव (Khandwa Loksabha By Election) में कांग्रेस के प्रबल दावेदार माने जा रहे और फिर अचानक चुनाव न लड़ने की घोषणा करने वाले अरुण यादव की बीती रात बुरहानपुर में की गई बात चर्चा का विषय बन गई है। दरअसल अरुण यादव ने बुरहानपुर की चुनावी सभा में कहा था कि “हर बार मै फसल उगाता हूं, काटकर कोई और ले जाता है। 2018 में भी यही हुआ। आलाकमान ने कहा कि आप की फसल किसी और को दे दूं, मैंने कहा दे दो। फिर उगा लेंगे। जो पार्टी कहती है, मैं वही करता हूं।” अब अरुण यादव ने यह बात क्यों कही, यह तो वही जानें।

लेकिन राजनीतिक पंडितों का मानना है कि इसके पीछे अरुण यादव की गहरी पीड़ा है जो पार्टी में अंदरूनी घमासान की ओर इशारा करती है और उनके इस बयान पर तंज कसते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि “कांग्रेस में फसल बोता कोई है, काटता कोई और फसल कुछ चुराता भी कोई है। कांग्रेस में फसल चुराने की भी आदत है। अरुण यादव को यह भी बताना था।” कैलाश विजयवर्गीय ने यह भी कहा कि “जोबट और खंडवा दोनों में बीजेपी का सकारात्मक प्रभाव है और दोनों ही उपचुनाव बीजेपी जीतेगी। हालांकि रैगांव और पृथ्वीपुर के बारे में मैंने आकलन नहीं किया इसलिए कुछ कह नहीं सकता।”

अरुण यादव का खंडवा लोकसभा क्षेत्र में अच्छा खासा प्रभाव है और यदि उपचुनाव के दौरान सार्वजनिक सभाओं मे अरुण के इस तरह के बोल निकलते हैं तो जाहिर सी बात है उनके समर्थक आहत होंगे और कहीं समर्थकों के आहत होने का असर कांग्रेस पर नकारात्मक रूप से ना पड़ जाए।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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