भोपाल| प्रदेश सरकार जल्द ही किसानों पर दर्ज केस वापसी की तैयारी में है। इसको लेकर शनिवार को मंत्रालय में गृहमंत्री बाला बच्चन की अध्यक्षता में एक अहम बैठक हुई। पुलिस मुख्यालय की ओर से किसानों एवं नेताओं से जुड़े ऐसे केसों का रिकॉर्ड राज्य शासन को भेज दिया है, जिन्हें सरकार वापस लेने पर विचार कर रही है। मंत्रालय में गृह मंत्री बाला बच्चन और विधि मंत्री पी सी शर्मा ने सभी प्रकरणों की समीक्षा की|
मंत्रालय में हुई समीक्षा बैठक के बाद गृह मंत्री बाला बच्चन ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि सरकार किसानों पर दर्ज मुक़दमे वापस लेने जा रही है| इसकी प्रक्रिया चल रही है, किसानों के खिलाफ दर्ज हुए झूठे मुकदमे वापस लिए जाएंगे| मंदसौर किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज प्रकरण वापस लिए जाएंगे| शिवराज सरकार के खिलाफ आंदोलन या धरना प्रदर्शन करने पर जो केस किसानों पर दर्ज किये गए वो सभी हम रद्द करने जा रहे हैं| उन्होंने बताया कि बहुत से अज्ञात लोगों के नाम से केस दर्ज है और कई निर्दोषों के खिलाफ मुक़दमे दर्ज कर दिए गए, इन सभी प्रकरणों की समीक्षा की गई, हजारों की संख्या में सरकार केस वापसी की तैयारी कर रही है| इसको लेकर आज विधि मंत्री पीसी शर्मा की उपस्तिथि में अधिकारियों के साथ बैठक कर इसकी योजना तैयार की गई है|
गौरतलब है कि नई सरकार ने शुरुआत में ही कैबिनेट में यह फैसला किया था कि किसान आंदोलन, राजनीतिक आंदोलन, अनुसूचित जाति व जनजाति के व्यक्तियों पर दुर्भावना से दर्ज कराए मामले वापस होंगे। बता दें कि राजनेताओं पर सिर्फ ऐसे केस वापस होंगे, जो राजनीतिक आंदोलन एवं राजनीतिक द्वेष के चलते दर्ज कराए गए हैं। साथ ही किसानों पर दर्ज अपराधिक केस भी वापस होंगे। जिसमें बैेंक एवं बिजली कंपनियों द्वारा दर्ज कराए केस भी शामिल हैं। विभागीय सूत्रों ने बताया कि विधि विभाग से एक रिपोर्ट तैयार कर ली गई है कि किन-किन धाराओं के केस वापस लिए जा सकते हैं। हालांकि केस वापसी के इस बात का भी ध्यान रखा जा रहा है कि अपराधों को अंजाम देने वाले लोगों के केस वापस न हों। आज हुई बैठक में प्रकरण वापसी की प्रक्रिया को सरल करने पर भी विचार किया गया। इसके बाद नेताओं एवं किसानों से जुड़े केस वापसी को लेकर 15 दिनों में रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी जायेगी।