इंदौर।
बीजेपी-कांग्रेस के लिए मालवा-निमाड़ की सीटे जीतना एक बड़ी चुनौती है। दोनों ही दल हर तरीके से वोटरों को लुभाने और सीटों पर कब्जा करने की रणनीति में लगे हुए है।वर्तमान में कांग्रेस के पास केवल एक सीट है, और सात सीटों पर बीजेपी का दबदबा है, हालांकि विधानसभा के बाद तेजी से हुए समीकरणों में बदलाव के बाद कांग्रेस को पूरी उम्मीद है कि वह इन सीटों को हथियाने में कामयाब होगी। लेकिन मंत्रियों और विधायकों की उदासीनता के चलते एक बार फिर कांग्रेस को सीटे गंवानी पड़ सकती है। इसी के चलते गुरुवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी सभी मंत्रियों को धमकी भरे लहजे में कह दिया अपने क्षेत्र से लीड दिलाना ही पड़ेगी, वरना मुझे इस्तीफे जैसे सख्त कदम भी उठाने पड़ सकते है।
दरअसल,गुरुवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने यह बात ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर से एयरपोर्ट जाते वक्त कार में कांग्रेस के नजदीकी नेताओं से कही। कमलनाथ ने कहा कि इंदौर सीट मेरे लिए प्रतिष्ठा का विषय है, इसे जीतने का इस बार बेहतरीन मौका है और इस पर पार्टी आलाकमान की भी नजर है। हर मंत्री को मैंने साफ कर दिया है कि उन्हें अपने विधानसभा क्षेत्र से लीड दिलाना ही है, ऐसा नहीं होने पर इस्तीफा जैसे सख्त कदम भी उठाए जा सकते हैं। सूत्रों के अनुसार कमलनाथ ने यह भी कहा कि जिस विधायक ने अपने क्षेत्र में जितने वोटों से विधानसभा चुनाव जीता था, उन्हें इसी तरह लोकसभा चुनाव में भी इतनी ही लीड दिलाना है।ऐसा कहते हुए सीएम ने इंदौर जिले से मंत्री बने जीतू पटवारी और तुलसी सिलावट के साथ ही अन्य दो विधायकों संजय शुक्ला और विशाल पटेल को भी संदेश दे दिया है कि लोकसभा के लिए अधिक से अधिक वोट चाहिए।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश की बाकी बची 8 सीटों पर आखिरी चरण में 19 मई को मतदान है। ये सीटें मालवा निमाड़ की हैं। ये वो इलाका है, जो भाजपा और संघ का गढ़ रहा है। 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां सारी सीटें बीजेपी ने जीत ली थीं, बाद में 2015 के लोकसभा उप चुनाव में कांग्रेस को झाबुआ-रतलाम सीट मिली थी, लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव में सीन बदल गया. मालवा-निमाड़ की 8 में 6 लोकसभा सीटें ऐसी हैं, जहां विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी पर बढ़त बनाई है। विधानसभा चुनाव के नतीजों के आधार पर कांग्रेस के पास इस लोकसभा चुनाव में 2009 दोहराने का अवसर है।विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस नए जोश के साथ चुनाव मैदान में है। बीजेपी भी अपनी सीटें बचाने के लिए पूरा ज़ोर लगा रही है, , इसलिए इस बार मुकाबला टक्कर का है।
इन मंत्रियों को मिली जिम्मेदारी
-देवास, उज्जैन, मंदसौर, रतलाम, धार, खंडवा सीट को जीतने का टारगेट
-देवास लोकसभा सीट – मंत्री हुकुम सिंह कराड़ा, सज्जन सिंह वर्मा
-धार लोकसभा सीट – मंत्री उमंग सिंघार, सुरेंद्र सिंह बघेल
-इंदौर लोकसभा सीट – मंत्री जीतू पटवारी, तुलसी सिलावट
-खरगौन लोकसभा सीट – मंत्री बाला बच्चन को मिली जिम्मेदारी