भोपाल। लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद कमलनाथ सरकार में कैबिनट का विस्तार किया जाएगा। सरकार बनने के समय जिन विधायकों को कैबिनेट में शामिल नहीं किया जा सका था उन्हें अब मंत्री मंडल में शामिल किया जाएगा। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने यह वादा किया था कि वह लोकसभा चुनाव के बाद कई रूठे विधायकों को मंत्री मंडल में शामिल करेंगे। जिस तरह अब तक नाराज नेताओं ने अपनी नाराजगी व्यक्त की है उन्हें मौका दिया जा सकता है, वहीं चुनाव परिणाम के आंकलन के बाद कई मंत्रियों की छुट्टी भी हो सकती है|
मुख्यमंत्री के वादे के बाद कई विधायक मंत्री बनने के इंतेजार में हैं। 23 मई को नतीजों के बाद खफा विधायकों को मंत्री बनने का मौका मिलेगा। कांग्रेस विधायको के अलावा निर्दलीय और अन्य दल के विधायकों को भी मंत्री मंडल में शामिल किया जाना है। बताया जाता है कि इनमें कांग्रेस के बागी और निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा, समाजवादी पार्टी से विधायक राजेश शुक्ला और बसपा विधायक संजीव कुशवाहा और रामबाई सिंह में से एक को मंत्री बनाए जाने का वादा किया गया था। वहीं, कांग्रेस विधायकों में हीरालाल अलावा को भी मंत्री बनाने का इस शर्त पर वादा किया गया था कि वह जयस संगठन से किसी को भी लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार के तौर पर खड़ा नहीं होने देंगे। इनके अलावा वरिष्ठ विधायक केपी सिंह, एंदल सिंह कंसाना, बीसालाल सिंह समेत कई अन्य विधायकों को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है|
वर्तमान में मुख्यमंत्री समेत कैबिनेट में 29 सदस्य हैं। कैबिनेट में कुछ नए चेहरों को शामिल करने के साथ ही मुख्यमंत्री कुछ मंत्रियों को बाहर का रास्ता भी दिखाने के मूड में हैं। जिन लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस बड़े अंतर से हारेगी वहां से जो मंत्री होगा उस पर गाज गिरना तय है। मुख्यमंत्री ऐसे मंत्रियों को कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखाएंगे। सीएम पहले ही मंत्रियों को चुनाव की जिम्मेदारी दे चुके हैं और प्रभार और गृह जिलों में मेहनत करने का बोल चुके हैं| ऐसी स्तिथि में अगर परिणाम खिलाफ आते हैं तो मंत्रिमंडल में छटनी हो सकती है, परफॉर्मेंस के आधार पर इन्हे बाहर किया जाएगा, इसके संकेत पहले भी सीएम दे चुके हैं|