Kishore Kumar death anniversary : मनमौजी किशोर कुमार, अपने घर के बाहर लिखवाया ‘किशोर से सावधान’

Kishore Kumar’s death anniversary : दो भाई..दोनों ही हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की धुरंधर शख्सियतें जिन्हें दुनिया सलाम करती है। एक दिन जो उनके घर में खुशियों का दिन रहा, जब बड़े भाई का जन्मदिन होता है। लेकिन वही दिन छोटे भाई की मौत की तारीख बन गया। हम बात कर रहे हैं अशोक कुमार और किशोर कुमार की। आज बड़े भाई अशोक कुमार का जन्मदिन है और किशोर कुमार की पुण्यतिथि।

किशोर कुमार ने 2678 फिल्मों में गाए गीत

13 अक्टूबर का दिन गांगुली परिवार में खुशी का दिन था क्योंकि इस दिन दादामुनि अशोक कुमार का जन्म हुआ था। लेकिन 1987 में इसी दिन किशोर कुमार की ह्रदयाघात से मौत हो गई। हरफनमौला कलाकार किशोर कुमार की आज 36वी पुण्यतिथि है। 4 अगस्त 1929 को जन्मे किशोर दा अपने बेमिसाल अभिनय और अद्भुत गायकी के लिए दुनियाभर में जाने जाते हैं। प्लेबैक सिंगिंग के लिए उन्हें 8 बार फिल्मफेयर अवॉर्ड (Filmfare Award) से नवाजा गया। किशोर दा ने 110 से ज्यादा संगीतकारों के साथ 2678 फिल्मों में गीत गाए। वहीं लगभग 88 फिल्मों में अभिनय किया। मध्य प्रदेश के खंडवा में जन्मे किशोर दा की स्मृति में मध्यप्रदेश सरकार ने 1997 में ‘किशोर कुमार अवाॅर्ड’ की शुरुआत की

किशोर कुमार का अतरंगी मिज़ाज

किशोर कुमार सिर्फ अपनी गायकी और अभिनय के लिए ही नहीं, बल्कि अपने अतरंगे मिज़ाज के लिए भी मशहूर रहे हैं। फिल्म इंडस्ट्री में उनके ऐसे कई किस्से हैं जो आज भी लोग एक दूसरे को सुनाते हैं। एक बार की बात है..उन्होने अपने घर के बाहर एक साइन बोर्ड लगवाया जिसपर लिखा था ‘बिवेयर ऑफ किशोर’। इसी से जुड़ा मजेदार किस्सा है कि जब निर्माता-निर्देशक एचएस रवैल उनके घर से बाहर निकलने लगे तो किशोर दा ने उनके हाथ पर काट लिया। इससे निर्देशक एकदम हड़बड़ा गए और कारण पूछा तो किशोर दा ने कहा कि आपको मेरे घर का साइन बोर्ड देखना चाहिए था। एक बार वो कोई फिल्म कर रहे थे और निर्माता ने उन्हें आधे ही पैसे दिए। इस बात से नाराज होकर वो आधा मेकअप कर सेट पर पहुंच गए। निर्देशक ने जब उनसे इस बारे में पूछा तो उन्होने कहा कि आधा पैसा तो काम भी आधा।

आशा भोंसले के साथ किशोर कुमार ने कई गीत गाए हैं। आशा ताई ने उनके बारे में एक मजेदार किस्सा साझा करते हुए बताया था कि फिल्म शराबी के गाने ‘इंतहा हो गई इंतजार की‘ गाने के लिए किशोर कुमार ने पहले तो इनकार कर दिया था। बाद में वो इस शर्त पर गाने को तैयार हुए कि इस गाने को शराबी की तरह लेटकर ही गाएंगे। अब वो ठहरे किशोर कुमार, आखिरकार उनके लिए एक टेबल मंगवाई गई और उन्होने वास्तव में लेटकर ही ये गाना गाया। इस तरह अनोखे मिज़ाज और प्रतिभा के धनी किशोर कुमार अपने पीछे मधुर गीतों की सौगात के साथ कई रोचक किस्से भी छोड गए हैं, जो हमेशा उनके चाहने वालों के मन में बसे रहेंगे।

 

 

 


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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