Lok Sabha Election 2024 : पीएम मोदी के मध्य प्रदेश दौरे को लेकर कांग्रेस ने किए सवाल, जयराम रमेश ने कहा ‘कब तक जुमलों से बहलाते रहेंगे’

उन्होंने पूछा कि बीजेपी कब तक किसानों को कर्ज़माफी का छलावा देती रहेगी। मध्यप्रदेश में 'डबल अन्याय' सरकार राशन के रूप में पशुओं का चारा क्यों बांट रही थी। इसी के साथ पेसा क़ानून और आदिवासियों को एफआरए के तहत उनके अधिकार देने पर भी सवाल उठाए हैं।

Jairam Ramesh

Lok Sabha Election 2024 : मंगलवार को देशभर में लोकसभा चुनाव के लिए तीसरे दौर का मतदान हो रहा है। इसी बीच अपना वोट डालने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्य प्रदेश दौरे पर रहे। खरगोन और धार में जनसभाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कांग्रेस पर ज़ोरदार हमला किया। वहीं कांग्रेस ने भी उनके एमपी दौरे को लेकर कुछ सवाल किए है। पूर्व मंत्री जयराम रमेश ने किसानों, आदिवासियों, वन अधिकार अधिनियम और पेसा जैसे मुद्दों पर उनसे सवाल पूछे हैं।

कांग्रेस ने पीएम मोदी से किए सवाल

जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा है कि “प्रधानमंत्री मध्यप्रदेश में हैं। वह जब झूठ की महामारी फैलाते हुए खरगोन से धार पहुंचे हैं, तब उनसे हमारे कुछ और सवाल। बीजेपी कब तक किसानों को कर्ज़माफी का जुमला देती रहेगी? मध्यप्रदेश में ‘डबल अन्याय’ सरकार राशन के रूप में पशुओं का चारा क्यों बांट रही थी? मध्यप्रदेश आदिवासियों को एफआरए के तहत उनके अधिकार देने में क्यों विफल रहा है? मध्यप्रदेश पेसा को शब्दशः कब लागू करेगा?”

‘किसानों की क़र्ज़ माफ़ी का क्या हुआ’

इसी के साथ उन्होंने कहा है कि “2008 में, मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान, श्री राजनाथ सिंह – जो भाजपा के अध्यक्ष रहे हैं और वर्तमान में रक्षा मंत्री हैं – ने एमपी के किसानों के 50,000 रुपए के क़र्ज़ माफ़ करने का वादा करते हुए पर्चे वितरित किए थे। 16 साल बाद भी भाजपा ने यह वादा पूरा नहीं किया है। दरअसल, मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार जिसने 2018-19 में 27 लाख किसानों के लिए ऋण माफी लागू की थी, उसे धन और सत्ता की शक्ति के दुरुपयोग के माध्यम से गिरा दिया गया। कांग्रेस के न्याय पत्र ने ऋण माफी और इसके कार्यान्वयन की निगरानी के लिए एक स्थायी आयोग की स्थापना करने का वादा किया है। क्या पीएम मोदी भी इसके लिए प्रतिबद्धता दिखाएंगे? क्या भाजपा उस ‘जुमले’ को पूरा करेगी जो वे वर्षों से उछालते आ रहे हैं?”

खराब अनाज वितरित करने का आरोप

2020 में, COVID-19 महामारी के दौरान, केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने भाजपा की मध्यप्रदेश सरकार पर ऐसे अनाज वितरित करने का आरोप लगाया जो ‘मानव उपभोग के लिए अनुपयुक्त’ और ‘बकरी, घोड़े, भेड़ के लिए उपयुक्त था। मध्यप्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में राशन के रूप में पशु आहार दिया जा रहा था। अब पीएम मोदी किस मुंह से अपनी मुफ्त राशन योजना के लिए एमपी के आदिवासी समुदायों से वोट मांग रहे हैं? क्या प्रधानमंत्री अपनी पार्टी के लोगों के इस शर्मनाक रवैये का समर्थन करते हैं?”

‘आदिवासियों को क्यों नहीं दिया उनका अधिकार’

“2006 में कांग्रेस ने क्रांतिकारी वन अधिकार अधिनियम (FRA) पारित किया था। इस कानून ने आदिवासियों और वन में रहने वाले अन्य समुदायों को अपने ख़ुद के जंगलों का प्रबंधन करने और उनसे प्राप्त उपज से आर्थिक रूप से लाभ उठाने का कानूनी अधिकार दिया था। लेकिन भाजपा सरकार FRA के कार्यान्वयन में बाधा डालती रही है, जिससे लाखों आदिवासी इसके लाभों से वंचित हो रहे हैं। कुल फाइल किए गए 6,27,513 व्यक्तिगत क्लेम्स में से केवल 47% (2,94,877 क्लेम्स) मंजूर किए गए हैं। वहीं इसके तहत वितरित की गई भूमि, स्वामित्व सामुदायिक अधिकारों के लिए पात्र 57,948 वर्ग किलोमीटर का केवल 10% (5,931 वर्ग किमी) है। मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार राज्य के आदिवासी समुदायों को उनका अधिकार देने में क्यों विफल रही है?”

‘पेसा क़ानून का उल्लंघन किया’

“मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने 15 नवंबर 2022 को पेसा के नियमों को अधिसूचित किया। पेसा आदिवासी क्षेत्रों में अधिसूचित ग्राम सभाओं को वन क्षेत्रों में सभी प्राकृतिक संसाधनों के संबंध में नियमों और रेगुलेशंस पर निर्णय लेने का अधिकार देता है। लेकिन राज्य और केंद्र की भाजपा सरकार ने नियमित रूप से पेसा का उल्लंघन किया है। सबसे ताजा उदाहरण मंडला के बसनिया-ओढारी बांध से सामने आया है, जहां बांध के निर्माण के लिए 31 आदिवासी गांव के लोगों को बेदखल किया जा रहा है। इसी तरह, अलीराजपुर में आदिवासी ग्राम सभा की सहमति के बिना अपनी भूमि में खनिजों की सरकार की खोज के ख़िलाफ़ एकजुट हुए हैं। क्या प्रधानमंत्री मध्यप्रदेश में पेसा को शब्दश: लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं? या वह अपनी आंखें बंद कर लेंगे क्योंकि उनकी सरकार और पार्टी नियमित रूप से इस कानून का उल्लंघन कर रही है?’


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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