वित्तीय संकट से जूझ रही कमलनाथ सरकार, फिर 500 करोड़ का कर्ज लेने की तैयारी

Published on -
madhya-pradesh-government-prepares-to-borrow-rs-500-crore

भोपाल।

एमपी में दो चरणों में मतदान हो चुका है, लेकिन अब भी लोकसभा चुनाव से पहले जनता से किए गए वादों को पूरा करना कमलनाथ सरकार के सामने चुनौती बना हुआ है।खास करके कर्जमाफी प्रदेश मे बड़ा मुद्दा बन गया है, साथ ही खजाना खाली होने के चलते सरकार बार बार वित्तीय संकट के भंवर में फंस रही है, ऐसे में एक बार फिर सरकार इससे निपटने के लिए 500  करोड़ का कर्ज लेने जा रही है। इससे पहले पिछले भी सरकार कई बार कर्ज ले चुकी है।

दरअसल, जिस कर्जमाफी के मुद्दे को आधार बनाकर सरकार सत्ता में आई थी, अब वही सरकार के सबब बनता जा रहा है। एमपी में दो चरणों में मतदान हो चुके है और 12  और 19  मई को आखिरी चरणों में वोटिंग होना है।इसके साथ ही आचार संहिता खत्म होने में भी अब कुछ ही दिन बचे है, ऐसे में कर्जमाफी सरकार के सामने फिर सिरदर्द बन गई है।वादे के मुताबिक आचार संहिता के खत्म होते ही कर्जमाफी की प्रक्रिया शुरु हो जाएगी, इसके लिए आय़ोग ने भी हरीझंड़ी दे है, लेकिन वित्तीय हालात खराब होने के कारण सरकार के सामने यह बड़ी चुनौती है, जिसके चलते प्रदेश सरकार एक बार फिर बाजार से ५०० करोड़ का कर्जा लेने जा रही है।वित्त विभाग ने इसकी तैयारी कर ली है। शेष औपचारिकताएं चुनाव बाद पूरी की जाएंगी। 

बता दे कि सरकार वर्तमान वित्तीय वर्ष 2019-20 में दूसरी बार कर्ज ले रही है। इससे पहले सरकार अप्रैल में एक हजार करोड़ तो दिसंबर 2018 से मार्च 2019 के बीच 8200 करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है।लोकसभा चुनाव की आचार संहिता समाप्त होने के बाद सरकार बाजार से फिर पांच सौ करोड़ रुपए का कर्ज उठाएगी। विभागीय सूत्रों के मुताबिक सरकार 7.18 फीसदी की सालाना ब्याज दर पर कर्ज ले रही है। इसे अगले तीन साल में चुका दिया जाएगा।यह पांच सौ करोड़ रुपए की राशि कर्जमाफी सहित उन योजनाओं पर खर्च होगी, जो कांग्रेस सरकार ने हाल ही में शुरू की हैं। इनमें मुख्यमंत्री सामूहिक कन्या विवाह-निकाह योजना, पेंशनवृद्धि सहित अन्य शामिल हैं।


About Author

Mp Breaking News

Other Latest News