भोपाल। लोकसभा चुनाव के संपन्न होती ही एग्जिट पोल ने केंद्र में मोदी सरकार के वापसी के संकेत दिए हैं। जिसके बाद से मध्य प्रदेश की सियासत का पारा भी चढ़ गया है। एग्जिट पोल में एमपी में कांग्रेस को बड़ा नुकसाने होने की संभावना जताई जा रही है। वहीं, एग्जिट पोल के बाद से बीजेपी नेता कांग्रेस सरकार पर हमलावर हो गए हैं। वह लगातार सरकार के अलपमत में होने की बात कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मीडिया में बड़ा बयान दिया है। उन्होंंने कहा है कि कई कांग्रेस विधायक पार्टी के संपर्क में है। जब जरूरत पड़ेगी वह उनसे बात करेंगे।
दरअसल, सोमवार को नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कमलनाथ सरकार से विधानसभा में बहुमत साबित करने की मांग की है। भार्गव ने चेतावनी दी कि यदि सरकार सत्र नहीं बुलाती है तो विपक्ष राज्यपाल को पत्र लिखकर सत्र की मांग करेगा। भार्गव के इस बयान के बाद प्रदेश की सियासत में हलचल तेज हो गई है।क्यूंकि इससे पहले भी भार्गव समेत कई बीजेपी नेता लोकसभा चुनाव के बाद प्रदेश में सरकार गिरने के दावे करते रहे हैं। वहीं, इस मामले में अब केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी मैदान में आ गए हैं। उन्होंने कहा कमलनाथ सरकार पहले दिन से अल्पमत में है। बीजेपी ने जोड़तोड़ नहीं की इसलिए कमलनाथ सरकार बनी थी। कांग्रेस अंतरकलह से त्रस्त है। 4 महीने में ही सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी हो चुकी है। कांग्रेस और अन्य कई विधायक बहुत पहले से हमारे संपर्क में है.जब जरूरत पड़ेगी हम तब बात आगे बढ़ाएंगे।
पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान भी इस तरह के दावे अपने जनसभाओं में करते रहे हैं कि केंद्र में बीजेपी सरकार बनने के साथ ही प्रदेश में एक बार फिर कमल खिलेगा। लेकिन मुख्यमंत्री कमलनाथ इन दावों को खारिज कर चुके हैं। उल्टा उन्होंंने दावा किया था कि बीजेपी के कई विधायक उनके संपर्क में हैं। यही नहीं उन्होने कहा था कि कांग्रेस के जो विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं वह उनके नाम जानते हैं। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस विधायक उन्हें बताकर ही दिल्ली में बीजेपी नेताओं से मिलने जाते हैं। हालांकि, फिलहाल बीजेपी के पक्ष में आए एग्जिट पोल ने प्रदेश की सियासत को हिला कर रख दिया है।