भोपाल।पूजा खोदाणी।
मध्य प्रदेश में लोक सेवा आयोग के प्रश्नपत्र में भील जनजाति को लेकर पूछे गए सवालों के बाद जमकर बवाल मच गया है।जाति को लेकर पूछे गए ऐसे सवाल को लेकर सवाल खडे हो रहे है। भाजपा विधायक और आरटीआई एक्टिविस्टों के बाद अब चाचौड़ा से कांग्रेस विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने भी इस पर कड़ी आपत्ति जताई है।उन्होंने इस तरह के सवाल पूछने को लेकर सीएम कमलनाथ से माफी मांगने की मांग की है।वही भील समाज में भी जमकर आक्रोश है, वह आज खंडवा में मुख्यमंत्री कमलनाथ का पूतला फूंकेंगे।
दरअसल, एमपीपीएससी में जाति को लेकर पूछे गए सवाल पर लक्ष्मण सिंह भी भड़क गए है। उन्होंने ट्वीट कर सीएम कमलनाथ को माफी मांगने की बात कही है। लक्ष्मण ने ट्वीट कर लिखा है कि ”भील समाज पर प्रदेश शासन के प्रकाशन पर अशोभनीय टिप्पणी से आहत हूँ।अधिकारी को तो सजा मिलना ही चाहिए,परन्तु मुख्य मंत्री को भी सदन में खेद व्यक्त करना चाहिए,आखिर वह प्रदेश के मुख्य मंत्री हैं।इससे अच्छा संदेश जाएगा।”यह पहला मौका नहै है जब लक्ष्मण सिंह ने अपनी ही सरकार को घेरा हो है या सवाल खड़े किए हो, इसके पहले भी वे कर्जमाफी, संगठन जैसे मुद्दों को लेकर खुलकर विरोध कर चुके है।
आरटीआई एक्टविस्ट भी जता चुके है आपत्ति
वरिष्ठ आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे प्रश्न पत्र की कॉपी शेयर करते हुए फसेबूक पर लिखा ‘Mppsc ने आज परीक्षा में भील समाज पर आपत्तिजनक प्रश्न पूछे। आजादी के 72 साल बाद भी पूछा जा रहा है कि वो अपराध क्यो करते हैं ?साहूकारी के शोषण के अलावा अनैतिक कार्यों को गरीबी का कारण बताया है। वहीं व्यापम घोटाले के व्हिसिल ब्लोअर डॉ. आनद राय ने फेसबुक पर लिखा ‘लोक सेवा आयोग की सचिव मनुवादी गढ़वाली ब्राह्मण रेणु पंत को अबिलम्ब बर्खास्त कर अनिवार्य सेवा निवृत्ति दी जाए,आदिवासियों के अपमान के लिए संघी भास्कर चौबे और रेणु पंत जिम्मेदार हैं,तत्काल एट्रोसिटी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज हो ,सभी आदिवासी चिंतक कल लोकसेवा आयोग के सामने अपनी पारम्परिक बेषभूषा में आकर लोकसेवा आयोग के मनुवादी अध्यक्ष को आदिवासी समाज की ताकत का अहसास कराएं’।
भाजपा विधायक ने की तत्काल बर्खास्त की मांग
भील समाज से आने वाले पंधाना के विधायक राम दांगोरे ने MPPSC में इसे लेकर शिकायत करने की बात कही है। उन्होंने भील समाज के लोगों के साथ काला कपड़ा लहराकर सूबे की कमलनाथ सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बीजेपी विधायक दांगोरे ने मांग की है कि जिसने भी यह प्रश्नपत्र तैयार किया है उसे तत्काल बर्खास्त किया जाए और एट्रोसिटी ऐक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया जाए। उन्होंने कहा कि भील समाज ने देश की आजादी की लड़ाई में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और प्रश्नपत्र में आपत्तिजनक बातें लिखी गई हैं।
ये है पूरा मामला
राज्य सेवा प्रारम्भिक परीक्षा में एक प्रश्न में भील जनजाति को शराब में डूबी हुई जनजाति भी बताया है। इसमें उल्लेख किया गया है कि भीलो की आपराधिक प्रवृत्ति का एक प्रमुख कारण यह है कि यह सामान्य आय से अपनी देनदारियां पूरी नहीं कर पाते। फलतः धन उपार्जन की आशा में गैर वैधानिक तथा अनैतिक कामों में भी संलिप्त हो जाते हैं।इस प्रश्न पत्र के सवालों को लेकर भील समाज में खासी नाराजगी पसरी हुई है। खंडवा में भील समाज के लोगों ने इसे लेकर अपनी नाराजगी दर्ज कराई।
भील समाज पर प्रदेश शासन के प्रकाशन पर अशोभनीय टिप्पणी से आहत हूँ।अधिकारी को तो सजा मिलना ही चाहिए,परन्तु मुख्य मंत्री को भी सदन में खेद व्यक्त करना चाहिए,आखिर वह प्रदेश के मुख्य मंत्री हैं।इससे अच्छा संदेश जाएगा।
— lakshman singh (@laxmanragho) January 13, 2020