सहकारी समितियों को लेकर सीएम शिवराज के बड़े निर्देश, भू-माफिया पर कही ये बड़ी बात

Kashish Trivedi
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (MP) में सहकारी समितियों (co-operative societies) को बढ़ावा देने शिवराज सरकार (Shivraj government) ने नई तैयारी की है। इसके साथ ही सहकारी समितियों की अनियमितता पर अंकुश लगाने सीएम शिवराज (CM Shivraj) ने कार्यशैली को जारी रखने निर्देश दिए। सीएम शिवराज ने कहा है कि गैर पारम्परिक क्षेत्रों में सहकारिता के उपयोग को सुनिश्चित करना आवश्यक है। ग्रामीण परिवहन सेवा, खाद्य प्र-संस्करण, पर्यटन और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सहकारिता का अच्छा उपयोग हो सकता है।

CM शिवराज ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के समृद्धि के भाव को पूरा करने नवीन सरकारी नीति तैयार की जाए। इसके साथ ही जिन जिला सहकारी परफॉर्मेंस का बेहतर नहीं है। उसे निरंतर शासकीय अंश राशि देने का कोई औचित्य नहीं है। राज्यों के सहकारी क्षेत्रों में हुए कार्यों का मध्यप्रदेश में भी अनुसरण करने के निर्देश दिए गए है।

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सीएम शिवराज ने कहा कि टैक्स को बढ़ाने अभियान को तेज किया जाए। इसके अलावा सहकारी समितियां को बढ़ावा दिया जाए। साथ ही इससे जुड़े कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने के साथ-साथ विभाग में कंप्यूटर इस्तेमाल कर विभाग को डिजिटलाइज किया जाए।

इसके अलावा कृषि और पशुपालन के साथ ही नए क्षेत्रों सहकारिता के उपयोग मत्स्य पालन, बकरी पालन, हेल्थ सेक्टर, पर्यटन विभिन्न खाद्य उत्पादों को सहकारिता के सकारात्मक परिवर्तन संभव है। इसके अलावा इसके व्यापक प्रभाव के लिए रोडमैप तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।

इसके अलावा शिवराज ने कहा कि बड़े नगरों में गृह निर्माण सहकारी समिति की अनियमितता पर नियंत्रण हुआ है लेकिन अभी इसके लिए एक बड़े नीति का निर्माण किया जाना आवश्यक है। इसके साथ ही साथ किसी भी व्यक्ति के जीवन भर की पूंजी व्यर्थ ना जाए। इसके लिए विभागीय वैधानिक अड़चन को खत्म करने का रास्ता निकाला जाए, साथ ही प्रदेश के नागरिकों को न्याय दिलाया जाए।

विभाग के प्रयास

बैठक में बताया गया कि प्रदेश में कृषि उत्पादों के वैज्ञानिक भंडारण और किसानों को उनके द्वारा किए गए उत्पादन की अधिकतम कीमत दिलवाने के लिए अधो-संरचनात्मक विकास के कार्य किए गए हैं। एग्री इन्फ्रा फंड में 124 पैक्स में ग्रेडिंग सार्टिंग यूनिट स्थापित की गई हैं। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (रफ्तार) में 107 करोड़ की लागत से 145 गोदाम मंजूर किए गए हैं।

वर्तमान वित्त वर्ष में 13 हजार 707 करोड़ रूपये का ऋण वितरण गत 24 दिसम्बर 2021 तक हुआ है। वर्ष 2022-23 के लिए 17 हजार करोड़ रूपये का लक्ष्य प्रस्तावित है। गत माह ही द्वितीय अनुपूरक अनुमान द्वारा वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 500 करोड़ रूपए की शासकीय अंशपूँजी देने का प्रावधान किया गया है। मार्कफेड को इस राशि से उपार्जन और खाद व्यवसाय के लिए बिना ब्याज की राशि उपलब्ध हो जाने पर सुविधा होगी।


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