भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। प्रदेश (MP) की राज्य सरकार (state government) ने अब नगरीय निकाय (urban body) में कंपाउंडिंग (compounding) के प्रकरण को निपटाने के लिए नई नीति शुरुआत करने की तैयारी की है। दरअसल अब नगर निकाय में अभियान चलाकर कंपाउंडिंग के प्रकरणों को निपटाया जाएगा। इस मामले में नगरीय प्रशासन एवं विकास आयुक्त निकुंज श्रीवास्तव (nikunj srivastava) ने सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं।
दरअसल सरकार कंपाउंडिंग के मामले में 20 फीसद अतिरिक्त छूट दे रही है। इसके तहत भवन अनुज्ञा में 30 फीसद राशि अधिक देकर निर्माण को अवैध कराया जा सकता है। हालांकि इसके लिए कई प्रकरण अभी उलझे हुए हैं। जिसका जल्द से जल्द निराकरण करने के लिए नगरीय निकाय जरा यह व्यवस्था की जा रही है।
बता दें कि मध्य प्रदेश में कई ऐसे भवन है जो अपनी स्वीकृत क्षेत्रफल और ऊंचाई को लेकर गैरकानूनी साबित हो रहे हैं। अब ऐसे मामले में भवन को तोड़ने और संबंधित पर जुर्माना लगाने का प्रावधान है। लेकिन मध्य प्रदेश नगर पालिका निगम अधिनियम में भवन अनुज्ञा से 10 फीसद अधिक निर्माण पर कंपाउंडिंग पैसे देकर निर्माण को वैध कराने का प्रावधान भी किया गया है। जिसमें शिवराज सरकार ने कंपाउंडिंग राशि बढ़ाकर 30 फीसद कर दिया है।
इन कंपाउंडिंग राशि के जरिए लोग शहरी क्षेत्र में अपने व्यवसाय कॉन्प्लेक्स और मकान को गैरकानूनी के पेंच से बचा सकते हैं। वहीं सरकार ने यह छूट सीमित अवधि के लिए तय किए है। जिससे जल्द से जल्द लोग अपने अवैध निर्माण को वैध करा सके। अब भवन अनुज्ञा के लिए ऑनलाइन कंपाउंडिंग के साथ-साथ ऑनलाइन शुल्क लेने की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। जिसके बाद अब नगरीय निकाय धरा अभियान चलाकर कंपाउंडिंग के प्रकरण को जल्द निपटाया जाएगा। इस मामले में नगरीय प्रशासन आयुक्त निकुंज श्रीवास्तव द्वारा कलेक्टर को शिविर लगाकर प्रकरण जल्द से जल्द निपटाने के निर्देश दिए गए हैं।