भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (madhya pardesh) में बोर्ड परीक्षा (board exam) से पहले माध्यमिक शिक्षा मंडल (Board of Secondary Education) के छात्रों को बड़ी राहत दी है। 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा सहित महाविद्यालय परीक्षा (university exam) को देखते हुए छात्रों को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से छात्रावास (Hostel) का संचालन पुनः आरंभ किया जा रहा है। इस संबंध में जनजातीय कार्य विभाग और अनुसूचित जाति कल्याण विभाग (Scheduled Caste Welfare Department) ने आदेश जारी किए हैं।
10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षा सहित महविद्यालय की परीक्षा को ध्यान में रखते हुए अब छात्रावास और आश्रम को 22 फरवरी से खोल दिया जाएगा। 3 फरवरी को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई थी। जिसमें हाई और हायर सेकेंडरी स्कूल सहित महाविद्यालय स्तर छात्रों के लिए छात्रावास और आश्रम खोलने पर सहमति बनी थी।
मध्य प्रदेश में कोरोना के सभी संक्रमण को देखते हुए स्कूल छात्रावास सहित जनजाति छात्रावास एवं आश्रम को पूर्ण रुप से बंद कर दिया गया था। इसके बाद दिसंबर महीने में 9वीं से 12वीं तक की कक्षाएं आयोजित करने के निर्णय दिए गए लेकिन छात्रावास और आश्रम खोलने पर सहमति नहीं बनी थी। अब इस मामले में विभाग ने आदेश जारी किए। आदेश के मुताबिक संक्रमण काल के दौरान इन संस्थाओं को कोरोना (corona) से संबंधित गाइडलाइन (guideline) का पालन करना होगा।
Read More: शिवराज सरकार के नए निर्देश, 2.50 लाख से अधिक संविदा कर्मचारियों को बड़ा झटका
बता दें कि बीते दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chauhan) ने जनजाति छात्रावास के संचालन पर बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के 34 हजार और महाविद्यालय स्तर के 8000 विद्यार्थी को कोरोना से बचाव के साथ आवश्यक सावधानी उपलब्ध कराने हेतु छात्रावास का संचालन होना चाहिए।
कक्षा 10वीं से 12वीं के विद्यार्थी को ही छात्रावास में रहने की अनुमति दी जाएगी। इसके अलावा जूनियर छात्रावास को नहीं खोला जाएगा। छात्रावास में रहने के लिए अभिभावकों की सहमति आवश्यक है। साथ ही प्रत्येक छात्रावास में एक कवारांनटाइन रूम (quarantine room) बनाया जाएगा। प्रदेश के 11095, सीनियर छात्रावास 152, महाविद्यालय छात्रावास 126 विशिष्ट संस्थाएं विद्यालय जनजाति कार्य विभाग द्वारा संचालित किए जाते है।