भोपाल। किसान आंदोन पर बीजेपी को घेरने वाली कांग्रेस अब खुद सवालों के घेरे में है। मानसून सत्र के पहले ही दिन दो साल पहले हुए किसान आंदोलन के बाद किसानों पर दर्ज मुकदमों के मामले में सरकार अपने ही विधायक के सवाल पर घिर गई है| कांग्रेस विधायक हरदीपसिंह डंग ने गृह मंत्री से किसानों पर लगे पुलिस प्रकरणों के संबंध में सवला पूछा था। उन्होंने सवाल में पूछा कि किसके खिलाफ राजनीतिक द्वेषतापूर्ण मामले दर्ज किए गए। इस सवाल के जवाब में गृह मंत्री बाला बच्चन ने कहा कि विधि सम्मत प्रक्रिया के अनुसार उस समय किसानों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज किए गए।
दरअसल, किसान आंदोलन के समय बीजेपी सत्ता में थी। तब कांग्रेस ने यह आरोप लगाए थे कि बीजेपी सरकार में राजनीतिक द्वेषतापूर्ण किसानों पर कार्रवाई की गई है। उनपर फर्जी मामले दर्ज किए गए। लेकिन अब कांग्रेस सत्ता में है। अब गृह मंत्री बाला बच्चन कुछ और कह रहे हैं। विधानसभा में उन्होंने जो जानकारी दी है उससे पूर्व में उनकी पार्टी द्वारा लगाए गए सभी आरोपों का इस जवाब से खंडन हो रहा है। अब सवाल यह उठ रहा है कि अगर बीजेपी सरकार में राजनीतिक द्वेषतापूर्ण कार्रवाई की गई थी तो फिर गृह मंत्री उसे कैसे विधि सम्मत प्रक्रिया बता हैं। या फिर कांग्रेस द्वारा लगाए गए सभी आरोप निराधर साबित हो रहे हैं। सोशल मीडिया पर यह सवाल बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने उठाए हैं। उन्होंने विधानसभा में गृह मंत्री द्वारा दिया गया उत्तर पोस्ट किया है।
उन्होंने एमपी ब्रेकिंग न्यूज से चर्चा करते हुए कहा कि कांग्रेस किसानों को गुमराह करती रही है। आज विधानसभा में गृह मंत्री द्वारा दिए गए बयान से उसकी कलई खुल गई है। अब कांग्रेस खुद यह तय करे कि क्या वह विधानसभा में झूठ बोल रहे हैं या फिर इतने लंबे समय से किसानों को गुमराह कर रहे हैं।
गौरतलब है कि जून 2017 में किसान आंदोलन और मंदसौर गोलीकांड के बाद भड़की हिंसा के दौरान सैकड़ों किसानों पर केस दर्ज किए गए थे। कांग्रेस ने सत्ता में आने के बाद ऐलान किया था कि पूरे प्रदेश में ऐसे करीब 371 केस दर्ज किए गए जिसमें सैंकड़ों की संख्या में नामजद और अज्ञात किसान शामिल हैं। जिला स्तर पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सूचित किया गया था कि वो उनके क्षेत्र में गैर बीजेपी दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर दर्ज मुकदमे की जानकारी जमा करें जिससे उन पर भी जल्द कार्रवाई की जा सके।