Sat, Dec 27, 2025

MP College: अतिथि विद्वानों की वेतन बढ़ाने की मांग, मंत्रियों को आवेदन, शिक्षा मंत्री को पत्र

Written by:Pooja Khodani
Published:
MP College: अतिथि विद्वानों की वेतन बढ़ाने की मांग, मंत्रियों को आवेदन, शिक्षा मंत्री को पत्र

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के सरकारी कॉलेजों (MP Government College) में जनभागीदारी मद के तहत अतिथि विद्वानों (guest scholars) ने वेतन बढ़ाने की मांग की है।इसके लिए अतिथि विद्वानों ने मध्य प्रदेश सरकार के मंत्रियों और पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ को आवेदन पत्र दिया है।इधर, अतिथि विद्वानों की मांगों को जायज मानते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखा है।बता दे कि प्रदेश में करीब 7000 अतिथि विद्वान पदस्थ हैं, जो कालेजों के प्रोफेसरों या अतिथि विद्वानों से अधिक कार्य करते हैं।

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दरअसल, मध्य प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में संचालित स्ववित्तीय पाठ्यक्रम एवं परंपरागत पाठ्यक्रम में जनभागीदारी मद से नियुक्त स्ववित्तीय जनभागीदारी अतिथि विद्वानों ने वेतन बढ़ाने की मांग की है। अतिथि विद्वानों का कहना है कि हमें प्रत्येक दिन के हिसाब से वेतन दिया जाता है, जो की महीने का 15 से 25 हजार रुपये तक होता है। जबकी रिक्त पदों पर कार्य कर रहे अतिथि विद्वानों को 1500 प्रति कार्य दिवस एवं न्यूनतम 35 हजार रुपये प्रति माह वेतन के साथ 12 माह का कार्यकाल दिया जाता है, जबकि  दोनों की एक समान योग्यता है।

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इतना ही नहीं दोनों का ही कार्यकाल भी 7 माह से 11 माह तक रहता है। अतिथि विद्वान अपनी मांगों को लेकर कई बार कॉलेज के प्राचार्यों को आवेदन दे चुके है लेकिन कोई हल नहीं निकला। जिसके बाद अब अतिथि विद्वानों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदेश सरकार के कई मंत्रियों और पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ आवेदन दिया है और अपनी मांगों से अवगत कराया है।वही इन अतिथि विद्वानों की मांगों को गंभीरता से लेते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखा है।

प्रमुख मांगे

  •  एक समान योग्यता रखने के बावजूद  अतिथि विद्वानों में भेद न करते हुए रिक्त पदों पर कार्यरत अतिथि विद्वानों के समान वेतनमान तय कर समान कार्य के लिए समान वेतन की व्यवस्था की जाए।
  • स्ववित्तीय पाठ्यक्रमों को परंपरागत पाठ्यक्रम में शामिल कर पद सृजित किए जाए।
  •  अतिथि विद्वानों की तरह वेतन दिया जाए। इसके अलावा सभी को समान वेतनमान होना चाहिए।