भोपाल। मध्य प्रदेश के मुरैला जिले की जौरा विधानसभा से कांग्रेस विधायक बनवारी लाल शर्मा के निधन के बाद एक बार फिर विधानसभा में वास्तुदोष की चर्चाएं ज़़ोरों पर हैं। बीते 15 साल में भाजपा सरकार के दौरान प्रदेश में 31 उप चुनाव हुए हैं। बहुत कम समय ऐसा रहा है जब विधानसभा सत्र में विधायकों की संख्या पूरी रही हो। एक बार फिर सदन में विधायकों की संख्या 229 हो गई। कांग्रेस सरकार बनने के बाद झाबुआ और छिंदवाड़ा में उप चुनाव के बाद अब जौरा में भी उप चुनाव होंगे।
ऐसा कहा जाता है कि उप चुनाव के निरंतर होने का सिलसिला 2003 में भाजपा सरकार के आने के बाद से शुरू हुआ है। सदन का कोई न कोई सदस्य सरकार के पांच साल पूरे होने से पहले गुज़र जाता है। यही कारण रहा है कि कई बार उप चुनाव प्रदेश में होते रहे हैं। विधायकों की मृत्यु के अलावा भी कई ऐसे कारण रहे हैं जिससे सदन में संख्या कम होती रही है। कुछ विधायकों ने दूसरे राजनीतिक दल में प्रवेश कर लिया है, कुछ अन्य लोगों ने अपनी विधानसभा सीटें छोड़कर लोकसभा चुनाव लड़ा है। इन सब बातों को विधानसभा परिसर के वास्तुदोष से जोड़ कर भी देखा जाता रहा है। विधानसभा के पूर्व स्पीकर इश्वरदास रोहाणी 2013 के विधानसभा चुनाव के समय गुज़र गए थे। जब वास्तु विशेषज्ञों में से कुछ ने भवन के दोषों को इंगित किया तो पूर्व अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी ने कुछ बदलाव किए। वर्तमान अध्यक्ष ने भी भवन में कुछ बदलाव किए। पूर्व मंत्री मुकेश नायक का कहना है कि परिसर में कुछ तो समस्या है जिससे कुछ न कुछ हादसे होते रहते हैं।