भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (MP) के आंगनबाड़ी केंद्रों (anganbadi centers) में भारी गड़बड़ी देखते हुए महिला बाल विकास संचालक (female child development director) द्वारा जांच के निर्देश दिए गए हैं। दरअसल प्रदेश के आंगनवाड़ी केंद्रों में सुविधाओं लगातार अंतर दिखाई जा रहा है। जिस पर अब महिला एवं बाल विकास संचालक द्वारा सख्त रुख अपनाया गया है।
बता दें कि प्रदेश के हर आंगनबाड़ी केंद्रों में 3 महीने में सर्वे (servey) किया जाता है। जिसकी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी जाती है। इस रिपोर्ट में आंगनबाड़ी केंद्रों में उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं की जानकारी दर्ज की जाती है। वही अभी हाल में हुए सर्वे की रिपोर्ट में जो जानकारी निकल के सामने आई है। उस में भारी गड़बड़ी देखने को मिली है। रिपोर्ट के मुताबिक अलीराजपुर जिले में अभी 485 आंगनबाड़ी केंद्र किराए के भवन में संचालित किए जा रहे हैं। जबकि रीवा में 356, विदिशा में 325 आंगनबाड़ी केंद्रों किराए के मकान में चल रहे हैं।
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सरकार द्वारा 2 सालों से लगातार यह निर्देश दिए जा रहा है कि आंगनबाड़ी केंद्रों को नजदीक के सरकारी भवनों में शिफ्ट किया जाए। बावजूद इसके इस तरह की लापरवाही सरकार के निर्देशों पर सवाल खड़े कर रही है। इसके बाद अब मामले को गंभीरता से लेते हुए से संभागीय संयुक्त संचालक, जिला कार्यक्रम अधिकारी सहित संभागीय संयुक्त संचालक और बाल विकास परियोजना अधिकारी को आंगनबाड़ी केंद्र और उसका उपयोग संसाधन की जानकारी के समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं।
वहीं प्रदेश में कई ऐसे आंगनबाड़ी केंद्र है जिसमें शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के 205 आंगनबाड़ी केंद्र के भवनों में संचालित किए जा रहे हैं। जिसमें सबसे ज्यादा कच्चे भवन बड़वानी जिले में दर्ज हुए हैं। जिसके बाद संचालक ने संभागीय संयुक्त संचालक सहित जिला कार्यक्रम अधिकारी को आंगनबाड़ी केंद्रों की समीक्षा करने और उनकी उपलब्ध मूलभूत सुविधाएं और संसाधन पर विस्तृत समीक्षा कर रिपोर्ट सौंपने की बात कही है।