भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (madhya pradesh) के 11000 से अधिक पुलिसकर्मी (policemen) को शिवराज सरकार (shivraj government) ने बड़ा तोहफा दिया है। मध्य प्रदेश पुलिस रेगुलेशन एक्ट (Madhya Pradesh Police Regulation Act) में संशोधन कर लंबे समय से रुके प्रमोशन को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही खाली पदों को भरने का रास्ता भी साफ किया गया है। हालाकि पुलिसकर्मियों को मिलने वाले उच्च पद के प्रभार के लिए दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। जिससे कुछ पुलिसकर्मियों को झटका लगा है।
दरअसल रेगुलेशन एक्ट में संशोधन के बाद सिर्फ उन्ही पुलिसकर्मियों को उच्च पद का प्रभार दिया जाएगा। जो इसके अनुभव और पात्रता रखते होंगे। इसके लिए कुछ मापदंड तय किए गए। जिसके मुताबिक आरक्षक से प्रधान आरक्षक पद के लिए 5 साल के सेवाकाल अनिवार्य है। इसके अलावा प्रधान आरक्षक से सहायक उप निरीक्षक के लिए 3 साल, उपनिरीक्षक से निरीक्षक के लिए 6 साल, निरीक्षक से उप पुलिस अधीक्षक के लिए 8 साल का सेवाकाल होना अनिवार्य किया गया है।
इसके अलावा आरक्षक से प्रधान आरक्षक और प्रधान आरक्षक से सहायक उपनिरीक्षक के लिए पुलिसकर्मियों के सेवाकाल के दौरान दिए गए सजा और इनाम को भी मापदंड में शामिल किया गया है। जिसके मुताबिक कर्मचारियों को उच्च पद पर प्रभार दिए जाने से पहले उनके सेवाकाल के सजा और इना का आकलन किया जाएगा। यदि 5 साल में उनकी सजाएं इनाम से अधिक होती है तो ऐसे पुलिसकर्मियों को उच्च प्रभार (High charge) का लाभ नहीं मिलेगा।
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हालांकि पुलिसकर्मियों को इसमें इसमें राहत दी गई है। जहां जो सजाएँ संदेहात्मक और सूचीबद्ध नहीं हुई। ऐसी टिप्पणी को सजा में नहीं माना जाएगा। इसके अलावा जिस पुलिसकर्मी की प्रतिनियुक्ति मध्य प्रदेश पुलिस से बाहर की गई है। वैसे पुलिसकर्मियों के पदों को रिक्त माना जाएगा। वही जारी किए गए दिशा-निर्देश के मुताबिक 15 मार्च 2021 तक प्रत्येक इकाई के बाहर ट्रांसफर नहीं किए जा सकेंगे। इसके अलावा पुलिसकर्मियों द्वारा अपनी मूल इकाई को छोड़कर दूसरे इकाई में 4 वर्ष की सेवा पूरी करने के बावजूद जब तक ऊंचे प्रभार की प्रक्रिया नहीं पूरी होती। उनके मूल इकाई में उनका ट्रांसफर नहीं किया जा सकेगा।
बता दें कि मध्य प्रदेश पुलिस में उप पुलिस अधीक्षक के 300, निरीक्षक के 702, उपनिरीक्षक के 770, सहायक उपनिरीक्षक के 4000 से अधिक और प्रधान आरक्षक के 5768 से अधिक पद खाली हैं। वही रेगुलेशन एक्ट में संशोधन के बाद इन पुलिसकर्मियों को उच्च पद का कार्य वाहन प्रभार तो मिलेगा लेकिन समय मान वेतनमान की स्थिति पहले की तरह यथावत रहेगी।