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Mon, Dec 15, 2025

MP में अब डायल 100 की जगह डायल 112, सीएम डॉ. मोहन यादव करेंगे नई इमरजेंसी हेल्पलाइन सेवा का शुभारंभ

Written by:Shruty Kushwaha
अब अगर आपको पुलिस, एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड, साइबर क्राइम जैसे मामलों में कोई भी सहायता चाहिए तो ये नया नंबर डायल करना होगा। इस नई सेवा में 100 एजेंट क्षमता वाला कॉन्टैक्ट सेंटर, डिस्पैच यूनिट, मोबाइल ऐप, चैटबॉट, HRMS और FRVs में कैमरे जैसी सुविधाएं शामिल हैं।
MP में अब डायल 100 की जगह डायल 112, सीएम डॉ. मोहन यादव करेंगे नई इमरजेंसी हेल्पलाइन सेवा का शुभारंभ

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मध्यप्रदेश में अब सुरक्षा संबंधी अलग-अलग नागरिक सेवाएं एक ही नंबर पर उपलब्ध होंगी। सीएम डॉ. मोहन यादव आज भोपाल में मध्यप्रदेश पुलिस की नई एकीकृत आपातकालीन सेवा ‘डायल-112’ का शुभारंभ करेंगे। इस कार्यक्रम में पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना भी उपस्थित रहेंगे।

मध्यप्रदेश पुलिस के अनुसार यह नई सेवा आपातकालीन सहायता को बेहतर, तेज, पारदर्शी और आधुनिक बनाएगी ताकि हर नागरिक को समय पर सुरक्षित मदद मिल सके। रीयल-टाइम लोकेशन ट्रैकिंग और IoT के साथ डायल-112 खतरे का पूर्वानुमान लगाकर नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी सक्षम है।

मुख्यमंत्री करेंगे डायल-112 का शुभारंभ

मुख्यमंत्री मोहन यादव आज भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में नई आपातकालीन सेवा ‘डायल-112’ का शुभारंभ करेंगे। इसके बाद अब  देश में डायल 100 की जगह डायल 112 सेवा शुरु हो जाएगी। मध्यप्रदेश पुलिस की डायल 100 की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए डायल 112 को एक ऐसी स्मार्ट सेवा के रूप में शुरू किया जा रहा है, जो कई आपातकालीन सेवाओं को एक साथ जोड़ेगी।

डायल-112 पर मिलेंगी ये सहायता

अब एक ही नंबर 112 पर पुलिस सहायता (100), एम्बुलेंस (108), अग्निशमन (101), महिला हेल्पलाइन (1090), साइबर क्राइम (1930), रेल मदद (139), हाईवे दुर्घटना सहायता (1099), प्राकृतिक आपदा (1079) और महिला एवं बाल हेल्पलाइन (181, 1098) जैसी सभी सेवाएं उपलब्ध होंगी। तेजी से बदलते तकनीकी परिदृश्य और सेवा गुणवत्ता की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए डायल-112 को अधिक कुशल, बुद्धिमान और नागरिक-जागरूक प्रणाली के रूप में दुबारा डिज़ाइन किया गया है।

डायल-112 प्रणाली की विशेषताएं

    1. प्रत्येक शिफ्ट में 100 एजेंट की क्षमता वाला नया कॉन्टैक्ट सेंटर, जिसमें 40 सीटों का डिस्पैच यूनिट है।
    2. PRI लाइनों से SIP आधारित ट्रंक लाइन पर माइग्रेशन, जिससे 112 पर कॉल एक्सेस अधिक सहज हो।
    3. उन्नत बिज़नेस इंटेलिजेंस (BI) और MIS रिपोर्टिंग टूल्स।
    4. नागरिकों और FRV के बीच संपर्क को बेहतर बनाते हुए गोपनीयता बनाए रखने हेतु नंबर मास्किंग समाधान।
    5. FRV के रख-रखाव को ट्रैक करने हेतु समग्र फ्लीट मैनेजमेंट सॉफ़्टवेयर।
    6. चैटबॉट जैसे नॉन-वॉयस माध्यमों द्वारा नागरिकों से संवाद और शिकायतों की ट्रैकिंग।
    7. नागरिकों और पुलिस अधिकारियों के लिए विशेष मोबाइल ऐप्स।
    8. ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट सिस्टम (HRMS) सॉफ़्टवेयर, बायोमेट्रिक उपस्थिति के साथ।
    9. पारदर्शिता के लिए FRVs में डैशबोर्ड कैमरा और बॉडी वॉर्न कैमरा की व्यवस्था।