भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की शिवराज सरकार (Shivraj Government) कई सरकारी स्कूलों (Government) को मर्ज कर केंद्रीय विद्यालय (Central School) की तर्ज पर 9200 सीएम राइज स्कूल खोलने जा रही है।यह सीएम राइज स्कूल हिंदी-अंग्रेजी दोनों माध्यम में संचालित होने के साथ साथ कई सुविधा युक्त होंगे। इनमें प्री-नर्सरी से हायर सेकंडरी की कक्षाएं संचालित होंगी। इसी संबंध में आज शुक्रवार को मंत्रालय में सीएम शिवराज सिंह चौहान के समक्ष आज मंत्रालय में सीएम राइज स्कूल की विस्तृत कार्य-योजना प्रस्तुत की गई।
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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने कहा है कि मध्य प्रदेश के हर क्षेत्र में गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से कुल 9200 सीएम राइस (CM RISE SCHOOL) स्कूल खोले जाएँगे। इन स्कूलों का मुख्य उद्देश्य बच्चों को ज्ञान, कौशल और नागरिकता के संस्कार देना है। साथ ही, भारतीय संस्कृति और संस्कारों की शिक्षा देना है।बैठक में स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार (School Education Minister Inder Singh Parmar)वीडियो कान्फ्रेंस से शामिल हुए।
दरअसल, मध्य प्रदेश में चार स्तरों जिला, विकासखंड, संकुल और ग्रामों के समूह स्तरों पर सीएम राइज स्कूल प्रस्तावित हैं। जिला स्तर पर प्रत्येक जिले में एक (कुल 52) राइज स्कूल होंगे, जिसमें प्रति स्कूल 2000 से 3000 विद्यार्थी होंगे। विकास खंड स्तरीय 261 स्कूल होंगे, जिनमें प्रति स्कूल 1500 से 2000 विद्यार्थी होंगे। इसी प्रकार संकुल स्तरीय 3200 स्कूल होंगे, जिनमें प्रति स्कूल 1000 से 1500 विद्यार्थी होंगे। ग्रामों के समूह स्तर पर 5687 स्कूल होंगे, जिनमें प्रति स्कूल 800 से 1000 विद्यार्थी होंगे।
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सीएम राइज स्कूल की 8 प्रमुख विशेषताएँ होंगी। अच्छी अधोसंरचना, हर विद्यार्थी के लिए परिवहन सुविधा, नर्सरी और केजी कक्षाएँ, शत-प्रतिशत शिक्षक एवं अन्य स्टाफ, स्मार्ट क्लास एवं डिजिटल लर्निंग, सुसज्जित प्रयोगशालाएँ एवं समृद्ध पुस्तकालय, व्यावसायिक शिक्षा और अभिभावकों की सहभागिता।सरकार ने तीन साल (2023) में सभी स्कूल शुरू करने का लक्ष्य रखा है।
यह होगा ‘सीएम राइज’ स्कूलों का उद्देश्य
स्कूल शिक्षा विभाग (school education department) अनुसार 15 किलोमीटर के दायरे में आने वाले सरकारी स्कूलों को सीएम राइज स्कूलों में मर्ज किया जाएगा। इन स्कूलों में छात्रों को घर से ले आने के लिए बस आदि भी मुहैया कराई जाएगी। इसका उद्देश्य है कि छात्रों को प्री-प्राइमरी और हायर सेकेंडरी पर लेवल पर CBSE बोर्ड और ICSC जैसी शिक्षा मिल सके, इसके लिए सरकार 20 करोड़ रुपए 2023 तक खर्च करेगी और शिक्षकों की नियुक्तियां (Teacher Recruitment) परीक्षा के जरिए होगी।
सरकारी स्कूलों की ऐसे होगी मर्जिंग
जानकारी के मुताबिक सीएम राइज स्कूलों को दो चरणो में मर्ज किया जाएगा। पहले चरण में3 से 5 किलोमीटर के दायरे में आने वाले स्कूलों को मर्ज किया जाएगा। इसके बाद 5 से 8 किलोमीटर के दायरे में आने वाले मीडिल लेवल स्कूलों को मर्ज किया जाएगा। अधिक जानकारी सरकार द्वारा सीएम राइज स्कूलों को खोलने के बाद जारी की जाएगी। वहीं, दूसरे चरण में 10 किलोमीटर के दायरे में आने वाले सरकारी स्कूलों को मर्ज किया जाएगा।