जबलपुर, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) में शिवराज सरकार (shivraj government) ने 1 अगस्त से 31 अगस्त तक ट्रांसफर (transfer) पर से बैन हटाया था। इस दौरान कई विभाग (department) के अधिकारी कर्मचारियों को इधर से उधर किया गया था। स्कूल शिक्षा विभाग (school education deppartment) ने भी अध्यापक सहित अध्यापकों के तबादले किए थे। हालांकि इस दौरान हुए कुछ तबादलों पर अब हाईकोर्ट (high court) ने बड़ा फैसला लिया है।
प्रदेश में 30 और 31 अगस्त को स्कूल शिक्षा विभाग में हुए ट्रांसफर (transfer) के क्रम में नर्मदा प्रसाद डेहरिया प्रयोगशाला शिक्षक, छिंदवाड़ा और संजय घाघरे कथा वाला प्रशासनिक आधार पर किया गया था। जिसके बाद इन दोनों तबादलों को नियम के विरुद्ध होने के कारण उच्च न्यायालय जबलपुर में इसकी रिट याचिका दायर की गई थी।
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मामले में याचिकाकर्ता के वकील का कहना था कि नर्मदा डहेरिया की पुत्री 70% पिंगला विकलांग है और वह पंजीकृत कर्मचारी संगठन के पदाधिकारी भी हैं, जबकि संजय घाघरे 40 फीसद तक विकलांग है। इसके साथ वह दृष्टिबाधित भी है। वही वकील ने शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत छात्रों के अनुपात में शिक्षकों की आवश्यकता पर भी गौर से विचार करने की अपील की थी।
जिसके बाद जबलपुर हाई कोर्ट द्वारा शिक्षकों के हक में फैसला सुनाते हुए दोनों शिक्षकों के तबादले पर रोक लगा दी गई थी। इसके साथ ही हाईकोर्ट द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी को प्रकरण के निराकरण के आदेश जारी किए गए। साथ ही ट्रांसफर निरस्त होने के बाद अब दोनों शिक्षक अपने पूर्व की शाला में ही सेवा देंगे।