MP: आज से 37 जिलों में समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी, ये रहेंगे नियम, ऐसी रहेगी व्यवस्था

Pooja Khodani
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट।Wheat Procurement. मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के किसानों (MP Farmers) के लिए अच्छी खबर है। इंदौर एवं उज्जैन संभाग के बाद आज 4 अप्रैल से नर्मदापुरम, जबलपुर, रीवा, शहडोल, सागर, ग्वालियर, भोपाल एवं चम्बल संभाग के जिलों  में समर्थन मूल्य (support price) पर गेहूं खरीदी शुरू होगी, जो 16 मई, 2022 तक चलेगी।इस वर्ष गेहूँ का समर्थन मूल्य 2015 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है, जो विगत वर्ष से 40 रुपये प्रति क्विंटल अधिक है।

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इंदौर और उज्जैन संभाग के 15 जिलों में 28 मार्च से खरीदी शुरू हो चुकी है और अब आज 4 अप्रैल से 37 जिलों में खरीदी शुरू होने जा रही है, गेहूं खरीदी सोमवार से शुक्रवार के बीच ही की जाएगी। इसके लिए किसानों को पहले से www.mpeuparjan.nic.in पर  जाकर ऑनलाइन स्लॉट बुक करना होंगे।उपार्जन सोमवार से शुक्रवार तक प्रात: 9 से दोपहर एक बजे तक एवं 2 बजे से 6 बजे तक किया जायेगा।फसल विक्रय के लिये स्लॉट की वैधता 3 कार्य दिवस के लिये होगी। वे अपनी तहसील के किसी भी सेंटर पर गेहूं बेच सकेंगे।

स्लॉट बुकिंग करने के पश्चात कृषक उपार्जन केन्द्र का नाम, विक्रय योग्य मात्रा एवं विक्रय के दिनांक की जानकारी का प्रिंट निकाल सकेंगे।किसान द्वारा एफक्यू मापदण्ड का गेहूँ विक्रय के लिये लाया जाता है, तो उसकी साफ-सफाई की आवश्यकता नहीं होगी। किसानों को उसकी उपज का भुगतान उनके आधार लिंक खाते (Bank Account Link To Aadhaar)  में करने की व्यवस्था की गई है, ताकि किसी भी प्रकार की त्रुटि की संभावना को समाप्त किया जा सके।इसके लिए किसान को बैंक शाखा में जाकर खाते को आधार से लिंक कराना होगा।शासन द्वारा पंजीयन करने के लिये आधार नम्बर आधारित बायोमेट्रिेक/OTP सत्यापन के आधार पर पंजीयन की व्यवस्था की गई है।

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बता दे कि इस साल 2022 में गेहूँ उपार्जन के लिये 19 लाख 81 हजार किसानों ने पंजीयन कराया, जो विगत वर्ष का 80 प्रतिशत है। इसमें कुल रकबा 42.24 लाख हेक्टेयर है, जो विगत वर्ष से 84 प्रतिशत अधिक है। इसके लिए प्रदेशभर में 4 हजार 663 केंद्र बनाए गए हैं। उपार्जन से पहले पंजीकृत किसान की पात्रता की जांच नोडल अधिकारी करेंगे। किसानों को उपज का भुगतान आधार से लिंक खाते में किया जाएगा। इस बार किसानों को उपज बेचने के लिए SMS नहीं भेजे जाएंगे। किसानों ने अपनी मर्जी से उपार्जन केंद्र और उपज बेचने की तारीख का चयन किया है।

आज से इन जिलों में होगी खरीदी

भोपाल, रायसेन, राजगढ़, सीहोर, विदिशा, नर्मदापुरम्, हरदा, बैतूल, जबलपुर, कटनी, नरसिंहपुर, मंडला, सिवनी, बालाघाट, छिंदवाड़ा, डिंडौरी, रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, उमरिया, अनूपपुर, सागर, छतरपुर, दमोह, टीकमगढ़, पन्ना, निवाड़ी, शिवपुरी, गुना, दतिया, अशोकनगर, मुरैना, भिण्ड और श्योपुर ।

ऐसी रहेगी व्यवस्था

  • इस वर्ष गेहूँ का समर्थन मूल्य 2015 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है, जो विगत वर्ष से 40 रुपये प्रति क्विंटल अधिक है।
  • 4 अप्रैल से 16 मई तक नर्मदापुरम, जबलपुर, रीवा, शहडोल, सागर, ग्वालियर, भोपाल एवं चम्बल संभाग के जिलों में खरीदी की जायेगी।
  • गोदामों में वॉटर कूलर और अन्य सेंटरों पर मटके रखे जाएंगे।
  • किसानों के लिए पर्याप्त शेड, ताकी गेहूं से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉलियां या अन्य वाहन खड़े कर सके।
  • प्लास्टिक के बारदाना में 50 किलो 135 ग्राम से अधिक गेहूं न तौला जाए।
  •  उपार्जन से पहले पंजीकृत किसान की पात्रता की जांच नोडल अधिकारी करेंगे।
  • किसानों को उपज का भुगतान आधार से लिंक खाते में किया जाएगा।
  • इस बार किसानों को उपज बेचने के लिए SMS नहीं भेजे जाएंगे।
  • किसानों ने अपनी मर्जी से उपार्जन केंद्र और उपज बेचने की तारीख का चयन किया है।
  • किसानों का जेआईटी के माध्यम से भुगतान होगा। परिवहन समय पर हो, बारदाना पर्याप्त रखे जाएं।
  • गेहूं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए ग्रेडिंग की व्यवस्था ।
  • प्रत्येक उपार्जन केंद्र पर नोडल अधिकारियों की तैनाती ।
  • उपज की तौल होने पर किसान एवं उपार्जन केंद्र प्रभारी के बायोमैट्रिक सत्यापन से ही देयक जारी होंगे।
  • भंडारण के लिए 84 लाख मीट्रिक टन क्षमता की जगह रिक्त।
  • 34 लाख मीट्रिक टन गेहूं सार्वजनिक वितरण प्रणाली में वितरित होगा, जिससे भंडारण की और जगह मिलेगी।

 


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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